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एहलेबैत की सीरत पर अमल करें मुसलमान : मुफ्ती

से में मुरादाबाद से आये शायर हसन रजा ने सरकारे दो आलम की शान में नात व मनकबत पढ़ी नात को सुनकर महफिल में बैठे लोग झूमने पर मजबूर हो गए । मुफ्ती मुकर्रम सुब्हानी ने कहा की अल्लाह ने कुरान में फरमाया है कि मौत तुम्हे ढूंढ लेगी जहाँ कही भी रहोगे मौत का जायका हर किसी को चखना है। हमें नबी व एहलेबेत की सीरत पर अमल करना चाहिए तभी हमारी दुनिया व आखरत अच्छी हो सकती है। मुख्य वक्ता मोहम्मद इकबाल रिजवी मुरादाबादी ने तकरीर करते हुए फरमाया की मानवता का हत्यारा इस्लाम से खारिज है। इससे इस्लाम का कोई लेना देना नही है। पुलवामा के शहीदों ने अपनी जानो को कुरबान किया है। भारत का मुसलमान उन्हें सलाम करता है। जब भी पड़ोसी मुल्क आँख दिखायेगा। भारत का हर मुसलमान तिरंगे के नीचे लड़ने के लिये तैयार रहेगा। मु़फ्ती आलम नूरी ने मुल्क व कौम के लिये दुआ की मौलाना शकूर डॉ0 शुजात अली मुंशी जी महफूज अली इस्लाम आदि मौजूद रहे।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 11:51 PM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 11:51 PM (IST)
एहलेबैत की सीरत पर अमल करें मुसलमान : मुफ्ती
एहलेबैत की सीरत पर अमल करें मुसलमान : मुफ्ती

सिरसी: मुहल्ला बुधबाजार में जलसे का प्रारंभ तिलावते कुराने पाक से हुआ। कुरान की तिलावत कारी शाने आलम ने की। नाते रसूले पाक मोहम्मद अकरम ने पढ़ी।

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गुरुवार की देर रात तक चले जलसे में मुरादाबाद से आए शायर हसन रजा ने सरकारें दो आलम की शान में नात व मनकबत पढ़ी। इसे सुनकर महफिल में बैठे लोग झूमने पर मजबूर हो गए। मुफ्ती मुकर्रम सुब्हानी ने कहा कि अल्लाह ने कुरान में फरमाया है कि मौत तुम्हे ढूंढ लेगी जहां कही भी रहोंगे, मौत का जायका हर किसी को चखना है। हमें नबी व एहलेबेत की सीरत पर अमल करना चाहिए तभी हमारी दुनिया व आखरत अच्छी हो सकती है। मुख्य वक्ता मोहम्मद इकबाल रिजवी मुरादाबादी ने तकरीर करते हुए फरमाया कि मानवता का हत्यारा इस्लाम से खारिज है। इससे इस्लाम का कोई लेना देना नहीं है। पुलवामा के शहीदों ने अपनी जानों को कुर्बान किया है। भारत का मुसलमान उन्हें सलाम करता है। जब भी पड़ोसी मुल्क आंख दिखाएगा। भारत का हर मुसलमान तिरंगे के नीचे लड़ने के लिये तैयार रहेगा। मुफ्ती आलम नूरी ने मुल्क व कौम के लिये दुआ की। इस दौरान,मौलाना शकूर, डॉ. शुजात अली, मुंशी जी, महफूज अली, इस्लाम आदि रहे।


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