शौचालय न बिजली, हाइटेक युग में भी पीछे
गुन्नौर तहसील के रजपुरा ब्लॉक क्षेत्र के गांव शेरपुर का मलुआ के घर नामक बस्ती सरकारी सुविधाओं से पूर्णता वंचित है इसकी तरफ किसी भी विभाग के अधिकारियों ने अब तक ध्यान नहीं दिया। इस गांव में ना तो अभी तक कोई भी शौचालय बनाया गया और न ही बिजली की व्यवस्था है। सरकार प्रत्येक गांव में बिजली तथा शौचालय सुविधा करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है लेकिन जनपद के अधिकारियों ने सरकार के अथक प्रयास को चुनौती देते हुए इस गांव की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। और यह बस्ती सरकारी सभी सुविधाओं से पूर्णत: वंचित है ।
सौंधन:गुन्नौर तहसील के रजपुरा ब्लॉक क्षेत्र के गांव शेरपुर का मलुआ के घर नामक बस्ती सरकारी सुविधाओं से पूर्णता वंचित है इसकी तरफ किसी भी विभाग के अधिकारियों ने अब तक ध्यान नहीं दिया। इस गांव में ना तो अभी तक कोई भी शौचालय बनाया गया और न ही बिजली की व्यवस्था है। सरकार प्रत्येक गांव में बिजली तथा शौचालय सुविधा करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है लेकिन जनपद के अधिकारियों ने सरकार के अथक प्रयास को चुनौती देते हुए इस गांव की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। और यह बस्ती सरकारी सभी सुविधाओं से पूर्णत: वंचित है ।
इस बस्ती पर आज तक किसी भी अधिकारी की नजर नहीं पड़ी। बस्ती वालों ने बताया कि क्या हम इस जिला के वासी नहीं हैं जो हमें सभी सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है।
बता दें कि शेरपुर का मलुआ के घेर नामक बस्ती में आज तक कोई भी शौचालय नहीं बना और न ही लोगों के खुद के बने शौचालय हैं। जब बस्ती वालों से जानकारी की गई तो उन्होंने केवल यही बताया कि यहां पर आज तक कोई शौचालय नहीं बना और न ही लोगों के खुद के बने हुए हैं सभी बस्ती वाले खुले में शौच करने के लिए जाते हैं जबकि सरकार जिलों के गांव को खुले में शौच से मुक्त करना चाहती है तथा जल्द से जल्द प्रत्येक गांव को ओडीएफ करना चाह रही है। अब बात आती है कि यह बस्ती जल्द से जल्द कैसे ओडीएफ हो जाएगी। क्या जिला के अधिकारियों की नजर में यह बस्ती है ही नहीं या फिर इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पूरी बस्ती में नहीं है बिजली की व्यवस्था, धूल फांक रहे हैं उपकरण
सौंधन : बिजली की व्यवस्था नहीं हुई जबकि यह बस्ती आज से लगभग 200 वर्ष पुरानी शेरपुर से अलग होकर बसी हुई है जो आज लगभग 1200 आबादी वाली हो चुकी है लेकिन इस बस्ती में आज तक बिजली नहीं पहुंची। बिजली विभाग के अधिकारियों ने इस बस्ती की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। बस्ती वालों ने बताया कि हमारी बस्ती में कुछ माह पूर्व बिजली के खंभे तो आए थे लेकिन कुछ दिन बाद बिजली विभाग के अधिकारी उन्हें भी उठा कर ले गए। और आज तक बिजली की व्यवस्था नहीं हो सकी। तथा हमारी बस्ती वालों की शादियों में जो बिजली उपकरण आए हैं वह जैसे के तैसे रखे हुए हैं तथा हमने अब शादियों में इन उपकरणों को लेने से भी मना कर दिया है।
इस बस्ती में नहीं होता टीकाकरण
बस्ती वालों से पूछा गया क्या आपके गांव में टीकाकरण होता है तो उन्होंने बस यही कहा कि कैसा टीकाकरण। जब उनसे इसकी जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि हमारे इस बस्ती में कोई भी एएनएम टीकाकार करने के लिए नहीं आती है और ना ही आज तक किसी बच्चे का या गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया है। क्या इस बस्ती के बच्चों में या गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की कोई भी बीमारी नहीं आएगी। जागरण की टीम पहुंचते ही इकट्ठे होकर किया प्रदर्शन
गांव में मूलभूत सुविधाओं को जायजा लेने के लिए दैनिक जागरण की टीम पहुंची तो ग्रामीण एकत्र हो गए और शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इनका कहना है कि हमें भी विकास की मुख्य धारा से जुड़ना है। इस दौरान, भान ¨सह, धनीराम, कालीचरन, सुखदेव, कमलेश,,राम बेटी, चंद्रवती, ओमवती, कलावती, राजू, सुखपाल, अवधेश, विशन पाल, रामेश्वर, भूरे, सुमित, शेर ¨सह आदि थे।
हमारी यह बस्ती आज से लगभग 200 वर्ष पहले बसी हुई चली आ रही है। बस्ती में 1200 सौ की आबादी हो चुकी है लेकिन हमें सरकार की सभी सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है ऐसा क्यों।
शीशपाल हमारी बस्ती में आज तक कोई भी शौचालय नहीं बना और हम सुनते हैं कि सरकार प्रत्येक गांव या मांजरे में शौचालय का निर्माण करा रही है पर हमारी इस बस्ती में क्यों नहीं।
रामवीर ¨सह