सरसो के तेल की कीमत बढ़ने से बिगड़ा रसोई का बजट
सम्भल जेएनएन। मंहगाई ने सरसो के तेल से दाल व सब्जी में लगने वाले तड़के के स्वाद को फीका कर
सम्भल, जेएनएन। मंहगाई ने सरसो के तेल से दाल व सब्जी में लगने वाले तड़के के स्वाद को फीका कर दिया है। पॉमऑयल, वनस्पति घी, पीली घानी सरसो के तेल की कीमतों में हुई एकाएक वृद्धि ने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है। बाजार में बिकने वाली कचौड़ी और पकौड़ी की लागत को बढ़ा दिया है। रसोई का बजट बिगड़ने से गृहणिया खासी परेशान है।
जिले में सरसो का तेल पिछले 15 दिनों में 110 रुपये से उछलकर 135 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है। व्यापारी बताते हैं कि इसका कारण लॉकडाउन में सरसो की फसल की सही तरीके से देखभाल नहीं हो पाना है। इससे तेल की कीमतों में इजाफा हुआ है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में पॉमऑयल की कीमत में लगातार वृद्धि हो रही है। इसका प्रभाव भी तेल के दामों पर पड़ रहा है।
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किसने क्या कहा
पॉम ऑयल कंपनियों से आयात नहीं हो सका था। उत्पादन भी बंद था। अब 10 से 35 रुपये तक का उछाल आया है। -आकाश, दुकानदार बहजोई
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दीपावली से लेकर अब तक सरसो के तेल एवं रिफाइंड के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है। इसने रसोई का बजट बिगाड़ दिया है।
मीनू वाष्र्णेय, गृहणी, बहजोई
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सरसो के तेल के साथ रिफाइंड की खपत किचन में ज्यादा होती है। सरकार को इसके मूल्य पर नियंत्रण रखना चाहिए। यह आम जन से सीधे जुड़े होने वाले सामान हैं।
-प्रीती कठेरिया, गृहणी बहजोई
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खाद्य पदार्थ के दाम में नियंत्रण के लिए जिला स्तर पर भी कारगर कदम उठाने चाहिए। वैसे तो बढ़ोतरी 10 से 20 रुपये की है। लेकिन बड़े स्तर पर इसका ज्यादा प्रभाव दिखेगा।
-योगिता गृहणी, बहजोई