नौकरी की प्रतिस्पर्धा ने बढ़ाया परिणाम का प्रतिशत
चन्दौसी सीबीएसई के नतीजे आ गए है। जबकि कुछ पेपर कोरोना वायरस के चलते रह गए थे। ऐसे मे
चन्दौसी: सीबीएसई के नतीजे आ गए है। जबकि कुछ पेपर कोरोना वायरस के चलते रह गए थे। ऐसे में औसत आधार पर अंक देकर परीक्षा फल घोषित कर दिया गया है। इससे फीसद में काफी वृद्धि हुई है। इसका मुख्य कारण छात्र-छात्राओं की मेहनत और आगे जाकर नंबरों को लेकर होने वाली प्रतिस्पर्धा मानी जा रही है।
यूपी बोर्ड का परीक्षाफल 27 जून को घोषित हो चुका है। जबकि सीबीएसई बोर्ड का परीक्षाफल सोमवार को घोषित हुआ है। जबकि कई विषयों के कुछ पेपर कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के कारण नहीं हो सके थे। ऐसे में सीबीएसई बोर्ड ने छूटे हुए पेपर में औसत आधार पर अंक देकर परीक्षा फल घोषित कर दिया गया। इसमें देखने में यह आया है कि 95 फीसदी अंक प्राप्त करने वालों की संख्या खासी। यह बात जनपद सम्भल के सीबीएसई व यूपी बोर्ड के टॉपरों की तुलना करने पर देखी जा सकती है। सीबीएसई बोर्ड के जनपद टॉपर का प्रतिशत 97.2 रहा तो यूपी बोर्ड के टॉपर का प्रतिशत 87.80 रहा। सीबीएसएई बोर्ड के बच्चों के इतने नंबर आने का कारण शिक्षक दो मान रहे हैं। यूपी बोर्ड के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का कहना है कि सीबीएसई बोर्ड का मूल्याकंन में उदारता का कारण यह है कि बच्चों के नंबर अधिक होते है। दूसरा कारण यह कि नौकरी को लेकर बढ़ रही प्रतिस्पर्धा बच्चों को अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित कर रही है। यही कारण है कि नंबर ज्यादा आ रहे हैं। कोट-
यूपी बोर्ड के मेधावियों को हर स्तर पर परेशानी का सामना करना पडे़गा। आईआईटी में प्रवेश परीक्षा में वही आवेदन कर सकते है जिनके इंटर की परीक्षा में 75 फीसदी अंक है। ऐसे में सीबीएसई के अपेक्षा यूपी बोर्ड के काफी बच्चे इस परीक्षा से वंचित हो सकते है। सीबीएसई बोर्ड के बच्चों के नंबर अधिक आते है। इसलिए उन्हें इसका लाभ भी मिलता है।
डॉ. साफिया अंजुम, प्रधानाचार्य अक्रूरजी कन्या पाठशाला इंटर कालेज चन्दौसी
कोट-
इस समय नौकरी के लिए होने वाली परीक्षा में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। तमाम बच्चों के नंबर 90 फीसद से अधिक होते है। ऐसे में हर छात्र-छात्राएं यह प्रयास करती है कि मेरे नंबर भी 90 फीसद से अधिक हो। किसी परीक्षा के लिए हाई-स्कूल इंटर के नंबर बहुत मायने रखते है। इसलिए सभी बच्चे अच्छे नंबर लाने की तैयारी करते हैं।
आरके सिंह शिक्षक आरआरके सीनियर सेकेंडरी स्कूल चन्दौसी कोट-
सीबीएसई के इस तरह मूल्याकंन किए जाने से यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों को हर स्तर पर समस्या का सामना करना पडे़गा। चाहे वह एडमीशन, प्रवेश परीक्षा अथवा नौकरी हो। जबकि यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है।
मनोज कुमार, शिक्षक एसएम इंटर कालेज चन्दौसी कोट-
सीबीएसई बोर्ड के इस तरह मूल्याकंन किए जाने से नुकसान और फायदा दोनों ही है। मेधावियों को इससे नुकसान है और कमजोर विद्यार्थियों को इस कुछ लाभ मिल सकता है। मेधावियों की सही प्रतिभा पूरे पेपर देने के बाद ही सही रुप से सामने आती।
दिव्यांशु वाष्र्णेय इंटरमीडिएट टापर आरआरके सीनियर सेकेंडरी स्कूल चन्दौसी
हमेशा ही यूपी बोर्ड की परीक्षा में छात्र-छात्राओं को कम नंबर मिलते है, लेकिन पहले से अब सुधार हुआ है। यूपी बोर्ड के तमाम बच्चों के नंबर 90 फीसद से अधिक आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण नौकरी के लिए बढ़ रही प्रतिस्पर्धा भी है।
मुहम्मद कैफ, इंटरमीडिएट जनपद टॉपर