महारास में झूमे राधा संग कृष्ण, खेली फूलों की होली
सम्भल कल्कि महोत्सव के दूसरे दिन मंगलवार को पहले पहर में जहां संकट मो
जागरण संवाददाता, सम्भल : कल्कि महोत्सव के दूसरे दिन मंगलवार को पहले पहर में जहां संकट मोचन यज्ञ हुआ वहीं तीसरे पहर में महारास। राधा संग कृष्ण बने कलाकारों के महारास तथा भक्ति गीतों पर थिरकने से माहौल श्री कृष्ण मय हो गया। भजन के हर बोल और नृत्य की हर झंकार ने सबको मोह लिया। आचार्य प्रमोद कृष्णम समेत अन्य संत झूमने पर विवश हो गए। यहां फूलों की होली भी खेली गई।
सांस्कृतिक संध्या में राधा कृष्ण के महारास का आयोजन में सम्भल से आए महादेव व उनके ग्रुप के कलाकारों ने शानदार प्रस्तुति दी। राधा कृष्ण की फूलों की होली, भगवान कृष्ण का महा रास, शिव तांडव ने सबको रोमांचित कर दिया। इसके पहले शुभारंभ गणेश वंदना के साथ हुआ। भजन गायक जयप्रकाश ने भी कल्कि महोत्सव के मंच से भगवान श्री कल्कि का गुणगान किया। श्री कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने दीप प्रज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उनके साथ वृंदावन से आए स्वामी विष्णु विनोदाम की उपस्थिति रही। श्री कल्कि महोत्सव 2020 में महारास देखकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए। श्री कल्कि धाम सेवा समिति की तरफ से भगवान राधा कृष्ण की महाआरती भी की गई। कोरोना को भगाएंगे श्री बजरंग बली : आचार्य प्रमोद
जागरण संवाददाता, सम्भल : हनुमान जी के मंत्रों के साथ श्री कल्कि महोत्सव का शुभारम्भ हुआ। जिसमें आचार्य प्रमोद कृष्णम ने 108 कुंड पर उपस्थित यजमानों से विशेष आहुतियां लगवाई। साथ ही हनुमान जी से कष्ट हरने की प्रार्थना की। कहा कि कष्ट के समय तो भगवान श्रीराम ने भी हनुमान जी को याद किया था। इस लिए संकट मोचन कष्ट हरता का महायज्ञ किया गया। जिसमें कुछ विशेष मंत्रों के साथ हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए 108 कुंड पर उपस्थित यजमान से विशेष आहुतियां लगवाई। महायज्ञ में मुख्य यजमान में सुधीर त्यागी, प्रभा चौधरी, मूलचंद त्यागी, श्रीमती रितू त्यागी, लव कुश शर्मा, श्रीमती भावना शर्मा द्वारा मुख्य यज्ञ वेदी पर आहुतियां दी गई। बाद में हनुमान जी की आरती की गई। उसके बाद भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। श्री कल्कि धाम के प्रवक्ता गणेश ईशु प्रखर ने भी मुख्य वेदी पर आहुतियां दी। दोपहर बाद आचार्य केशव देव शर्मा ने कहा कि यज्ञ करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। देवताओं ने भी यज्ञ के माध्यम से अनेकों प्रकार की सिद्धियों को प्राप्त किया गया हैं। हेमंत सिंह परिहार, मयंक शर्मा, कपिल त्यागी, मोहित कुमार, नितिन त्यागी, अरुण त्यागी, सुधीर चाहल, गौरव यादव आदि मौजूद रहे।