होशियार रहें, होली पर खपाया जा रहा मिलावटी मावा
रा सी लापरवाही बरती और नकली मावे का इस्तेमाल कर लिया तो आप बीमार हो सकते है। डाक्टर भी नकली मावे के प्रयोग से बचने की सलाह दे रहे है। होली पर मावा की जरूरत हर घर में होती है। महिलाएं होली पर्व पर खाने के लिए मावे से पकवानों को तैयार करती है। हर घर में मावे से पकवानों के बनने का सिलसिला शुरू हो चुका है। हर घर में गुझिया और मिठाइयां बननी शुरू हो गई है। वहीं होली पर्व पर नकली मावे का कारोबार भी फल फूल रहा है। मुनाफ के लालच में लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाने के लिए नकली मावे की बिक्री बाजार में धड़ल्ले से की जा रही है। इधर खाद्य सुरक्षा विभाग ने जिले में नकली मावा तैयार करने के खिलाफ अभियान तो शुरू किया है पर कोई लगाम लगती नहीं दिख रही। सबसे ज्यादा मिलावट दुग्ध उत्पादों मिठाइयों और मावा में होती है। शहर में अधिकतर क्रीम निकले दूध का मावा मिलता है इसके अलावा आटा मैदा आदि भी मिला दिया जाता है। इस मिला
सम्भल: होली का त्योहार नजदीक आ चुका है। नकली मावे का कारोबार करने वाले लोग सक्रिय हो गए है। ऐसे में आपको सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर जरा सी लापरवाही बरती और नकली मावे का इस्तेमाल कर लिया तो आप बीमार हो सकते है। डाक्टर भी नकली मावे के प्रयोग से बचने की सलाह दे रहे है।
होली पर मावा की जरूरत हर घर में होती है। महिलाएं होली पर्व पर खाने के लिए मावे से पकवानों को तैयार करती है। हर घर में मावे से पकवानों के बनने का सिलसिला शुरू हो चुका है। हर घर में गुझिया और मिठाइयां बननी शुरू हो गई है। वहीं होली पर्व पर नकली मावे का कारोबार भी फल फूल रहा है। मुनाफ के लालच में लोगों की सेहत को नुकसान पहुंचाने के लिए नकली मावे की बिक्री बाजार में धड़ल्ले से की जा रही है। इधर खाद्य सुरक्षा विभाग ने जिले में नकली मावा तैयार करने के खिलाफ अभियान तो शुरू किया है पर कोई लगाम लगती नहीं दिख रही। सबसे ज्यादा मिलावट दुग्ध उत्पादों, मिठाइयों और मावा में होती है। शहर में अधिकतर क्रीम निकले दूध का मावा मिलता है इसके अलावा आटा, मैदा आदि भी मिला दिया जाता है। इस मिलावटी मावा से तमाम तरह की बीमारियां हो सकती है। ऐसे में अगर थोड़ी सावधानी नहीं बरती तो आप बीमार हो सकते है। ऐसे में लोगों को सावधान होने की जरूरत है और ऐसे मिलावटी आइटमों के उपयोग से दूर रहने की आवश्यकता है।
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ऐसे तैयार होता है नकली मावा
सम्भल: नकली मावा तैयार करने के लिए पिसे आलू, शकरकंद, आरारोट और रिफाइंड ऑयल में 20 परसेंट असली मावा मिक्स किया जाता है. इसके साथ ही क्रीम निकाले गए दूध में भी इसे मिलाया जाता है. जिससे कि यह देखने में असली मावे जैसा लगता है. जब यह नकली मावा दूर-दराज से तैयार करके बाजार में लाया जाता है तो इसे असली मावे में मिक्स करने के बाद ही देशी घी की केमिकल फ्रेगरेंस डालकर पिडी बना दी जाती है। इन्हें चिकना दिखाने के लिए रिफाइंड ऑयल लगाया जाता है और सफेदी के लिए आरारोट लगाया जाता है। इतना ही नहीं इसका टच स्पंज की तरह हो, इसके लिए खाने वाला सोडा भी डाला जाता है मावा खरीदें तो बरतें सावधानी
सम्भल: अगर आप मावा खरीदने जा रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखें. ऐसे में आप सिथेंटिक मावा खरीदने से बच जाएंगे। सिथेटिक मावा पिडी के रूप में बना होता है, जबकि शुद्ध मावा कभी पिडी के रूप में नहीं हो सकता है। शुद्ध मावा दानेदार होता है और उसमें घी का चिकनापन भी होता है. जबकि सिथेटिक मावा हाथ में लेते ही चूर-चूर होने लगता है। सिथेटिक मावे की पिडी सफेद रंग की होती है और ज्यादा आकर्षक दिखती है, वहीं शुद्ध मावा हल्के बादामी रंग का होता है. और वह प्लेट में ही रखा जा सकता है। शुद्ध मावे को कड़ाही में गर्म करने पर उसमें घी होने की वजह से वह चिपकता नहीं हैं, वहीं सिथेटिक मावा कड़ाही में चिपकता रहता है। -----------------------------------------
वर्जन-
मिलावटी मावा और सिथेटिक दूध पीने से फूड पॉयजनिग हो सकती है। उल्टी और दस्त की शिकायत हो सकती है। किडनी और लिवर पर भी बेहद बुरा असर पड़ता है। नकली मावे से बनी मिठाई खाने से लिवर को नुकसान पहुंच सकता है। उनका कहना है लोगों को मिलावटी मावे के उपयोग से बचने की जरूरत है।
डॉ. प्रशांत वाष्र्णेय नकली मावे के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। जहां भी मिलावटी मावा तैयार होने की शिकायत मिल रही है वहां भी छापेमारी कर कार्यवाही की जा रही है। लोगों को भी सावधानी बरतनी चाहिए। मिलावटी मावे के उपयोग से बचना चाहिए।
पी.के त्रिपाठी, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी सम्भल