फिजाओं में गूंजा या हुसैन तो रोया आसमान
शहर में ताजिये का जुलूस शुक्रवार को निकाला गया। जिसे देखने के लिए महिलाओं व पुरुषों के साथ बच्चों का भी सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान सुरक्षा की ²ष्टि से पुलिस प्रशासन के कड़े इन्तजाम रहे। जिस में शांति व सौहार्द के साथ जुलूस निकाला गया। जुलूस निकाले जाने के दौरान चारों ओर से या हुसैन या हुसैन की सदाये गुंजती रही। डीएम एसपी कोतवाली में बैठकर पल पल की जानकारी लेते रहे।
सम्भल : शहर में ताजिये का जुलूस शुक्रवार को निकाला गया। जिसे देखने के लिए महिलाओं व पुरुषों के साथ बच्चों का भी सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन के कड़े इन्तजाम रहे। शांति व सौहार्द के साथ जुलूस निकाला गया। जुलूस निकाले जाने के दौरान चारों ओर से या हुसैन या हुसैन की सदाये गूंजती रही। डीएम एसपी कोतवाली में बैठकर पल पल की जानकारी लेते रहे। हयातनगर, सरायतरीन, असमोली सहित कई स्थानों पर भी ताजिये निकाले गये।
शहर में निकलने वाले मोहर्रम के जुलूस में क्षेत्र के कई गांव के ताजियों का मिलाप नखासा, चौधरी सराय और फतेहयउल्ला सराय के ताजिये के साथ हुआ। जुलूस के दौरान गोविन्दपुर, मंडी किशनदास सराय, काजीसराय, नूरियोसराय, सैफखां, चौधरी सराय आदि के ताजिये चन्दौसी चौराहे पर एकत्र हुए और वहां से एक साथ रोडवेज, अस्पताल चौराहा, एजेन्टी तिराहा, आर्य समाज, छंगामल की कोठी, नखासा होते हुए हसनपुर रोड़ स्थित दरियासर कर्बाला में एक साथ आगे बढ़े। इस अवसर पर शहबाजपुर, चिमयावली, मूसापुर, नाला, ईसापुर, रहमापुर, मिलक, सलारपुर, लखौरी, भारतल समेत कई गांवों के ताजिये जुलूस में शामिल रहे। मोहर्रम के जुलूस के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे।
डीएम अविनाश कृष्ण ¨सह व पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने परियावली का जहां निरीक्षण किया वहीं शहर के अंदर कई जगहों पर खुद मौजूद होकर व्यवस्था संभाली। अधिकारियों ने मोहर्रम मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे व ड्रोन कैमरे निगरानी भी की। उधर उपनगरी सरायतरीन में भी ताजिये का जुलूस निकाला गया। बड़ा मोहर्रम पन्नीगरान, धोबीमोहल्ला, मंगलपुरा के ताजिये पुलिस चौकी पर एकत्रित हुए। यहां से ताजियों का जुलूस परम्परागत मार्गों से होता हुआ शाम को कर्बला की ओर बढ़ गया। इस बीच ताजिये का जुलूस निकाले जाने के दौैरान सड़कों व मकानों की छतों पर भारी भीड़ लगी रही। इस बीच हयातनगर थाना अध्यक्ष ब्रजमोहन गिरी अधिकारियों को पल पल की खबर देते रहे। देर शाम को ताजिये कर्बला में दफन किये गए। इनसेट-
एक माह में बनकर तैयार हुआ ताजिया
जुलूस में शामिल हुआ गांव गोविन्दपुर का ताजिया एक माह में बनकर तैयार हुआ। ताजिये को नाजिम, यूनुस व कासिम ने कई लोगों के मदद से महीने भर में बनाकर तैयार किया। ताजिये की कलाकारी देखते ही बन रही थी। जिसे देखकर लोग हतप्रभ रह गये और कारीगरों की जमकर तारीफ की गई। इनसेट-
सैफ खां सराय में शामिल हुए ताजिये
सम्भल : चन्दौसी मार्ग स्थित मोहल्ला सैफखां सराय से जुलूस में दो ताजिये शामिल हुए। जुलूस में शामिल एक ताजिये में मक्का मदीना की तस्वीर दिखाई गई जबकि दूसरे ताजिये में सजावट और कलाकारी का बेजोड़ नमूना देखने को मिला जिसमें लगे बिजली के झूमर के साथ मनमोहक सजावट अपनी अलग ही छटा बिखेर रही थी। ताजिये के साथ गांव के लोग मौजूद रहे। जुलूस में शामिल एक ताजिये को दानिश व सलमान ने साथियों के साथ मिलकर छह दिन में तैयार किया था। जबकि दूसरे ताजिये को तहजीब, मुनाजिर, मियांजान, नदीम व नौसाद ने कड़ी मेहनत के बाद पांच दिन में तैयार किया था। इनसेट-
सराहा गया नूरियों सराय का ताजिया
जुलूस में शामिल नूरियों सराय का ताजिये को लोगों ने खूब सराहा। ताजिये को गांव के नौशाद व अलीम ने साथियों के साथ मिलकर तीन सप्ताह में कड़ी मेहनत और लगन से तैयार किया था। ताजिये में बिजली की रोशनी और कागजी सजावट दूर से छटा बिखेर रही थी। ताजिये को देख लोगों ने कलाकारों की जमकर तारीफ की।
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हुसैन की शहादत पर आयोजित मेले में उमड़ी भीड़
सम्भल: हसनपुर मार्ग स्थित कर्बला मस्जिद परिसर में हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत की याद में मेले का आयोजन किया गया। मेला संयोजक व मुतव्वली कर्बला वाली मस्जिद मियां जी इंतेजार हुसैन की देखरेख में कर्बला की मस्जिद व कुएं पर प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी मिया जी द्वारा सबील लगाई गयी। कर्बला व मजार पर लंगर लगाया गया जिसमें जायरीनों, ताजियेदारों व अजादारों के साथ हजारों अकीदतमंदों ने शिरकत की। मियां जी ने कहा कि इमाम हुसैन ने इस्लाम को बचाने के लिए 72 साथियों की कुर्बानी दी थी। इस लिए उनकी शहादत को भुलाया नही जा सकता। यह सिलसिला 40 दिनों तक चलता है।