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चाचा-भतीजे की हत्या में पांच को उम्रकैद

चन्दौसी धनारी थाना क्षेत्र के जसूपुर गांव में 11 साल पहले हुई दो लोगों की हत्या के मामले में

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Jan 2021 12:00 AM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 12:00 AM (IST)
चाचा-भतीजे की हत्या में पांच को उम्रकैद
चाचा-भतीजे की हत्या में पांच को उम्रकैद

चन्दौसी: धनारी थाना क्षेत्र के जसूपुर गांव में 11 साल पहले हुई दो लोगों की हत्या के मामले में शनिवार को अपर जिला सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने पांच आरोपित को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। गांव में चाचा- भतीजे की गोली मारकर हत्या की गई थी।

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धनारी थाना क्षेत्र के गांव जसूपुर निवासी कल्याण (चाचा) और दिनेश (भतीजा) की 3 अगस्त 2010 को गांव में ही गोली मार दी थी। अस्पताल ले जाते वक्त पहले कल्याण की मौत हो गई। जबकि उपचार के दौरान दिनेश की मौत हो गई। इस मामले में कल्याण के भाई राजेंद्र की तहरीर पर आइपीसी की धारा 147,148,149,302 के तहत रसदेव, नेकपाल, अजयपाल, ओमकार, छोटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया था। इस मामले की सुनवाई जिले की चन्दौसी स्थित अपर जिला सत्र न्यायाधीश रेप एंड पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश सुशील कुमार तृतीय के यहां चल रही थी। अभियोजन की तरफ से इस मामले में 11 लोगों ने गवाही दी। कोर्ट ने गवाहों पर साक्ष्यों के आधार पर आरोपितों को दोषी पाया। शासन की तरफ सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश उर्फ हरीश सैनी ने की। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने इस मामले में सभी को दोषी मानते हुए धारा 147 में दो-दो वर्ष का कारावास, एक हजार रुपये का अर्थदंड, धारा 148 में तीन-तीन वर्ष कारावास व दो-दो हजार रुपये का अर्थदंड, धारा 302/149 में आजीवन कारावास व 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड अदा न करने पर एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। सभी सजा साथ चलेंगी। जेल में बिताई अवधि समायोजित की जाएगी, जुर्माने की 40 फीसद धनराशि मृतकों के स्वजनों को दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पहले इस मामले की सुनवाई बदायूं जिले की कोर्ट में हो रही थी, लेकिन बाद में इस मामले को जनपद सम्भल की कोर्ट में स्थानांतरण कर दिया था।

इनसेट-

मामूली विवाद के बाद हुई थी हत्या

चन्दौसी: धनारी थाना क्षेत्र के गांव जसूपुर में यह मामूली विवाद इतना बढ़ा था कि दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। बताया जाता है कि दिनेश बाद और नेकपाल गाजियाबाद में रहकर मेहनत मजदूरी करते थे। वहां नेमपाल ने दिनेश के थप्पड़ मार दिया था। गांव में आने के बाद दिनेश ने इसकी शिकायत सुरेश से की थी। उसके बाद पिता नेकपाल को रास्ते में रोककर जानकारी की और उसके साथ मारपीट कर दी थी। इसके बाद चाचा भतीजे की हत्या कर दी थी।


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