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किसानों को मतदान केंद्र तक पहुंचाना चुनौती

चुनाव प्रचार-प्रसार के बाद अब तीसरे चरण के मतदान के लिए रण सज गया है। पोलिग पार्टिया भी मतदान कराने के लिए तैयार हो गई है। सोमवार को बहजोई से पोलिग पार्टियां अपने-अपने मतदान केंद्र के लिए रवाना हो जाएगी। प्रत्याशी भी अब मतदान का इंतजार कर रहे हैं। प्रत्याशियों से लेकर प्रशासन के सामने मतदान प्रतिशत बढ़ाने की बड़ी जिम्मेदारी आ खड़ी हुई है। क्योंकि इस समय गेहूं कटाई का कार्य तेजी से चल रहा है। किसान दिन निकलने से पहले

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 12:13 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2019 12:13 AM (IST)
किसानों को मतदान केंद्र तक पहुंचाना चुनौती
किसानों को मतदान केंद्र तक पहुंचाना चुनौती

चन्दौसी: चुनाव प्रचार बंद होने के बाद अब तीसरे चरण के मतदान के लिए रण सज गया है। सोमवार को बहजोई से पोलिग पार्टियां अपने-अपने मतदान केंद्र के लिए रवाना हो जाएंगी। गेहूं की कटाई के सीजन में प्रत्याशियों से लेकर प्रशासन के सामने मतदान फीसद बढ़ाने की बड़ी जिम्मेदारी है। किसान दिन निकलने से पहले ही खेतों पर पहुंच जाता है। ऐसे में गेहूं कटाई के बीच किसानों को मतदान केंद्र तक पहुंचाना राजनीतिक दलों और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है।

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पिछले एक माह से सभी दलों के प्रत्याशी लोगों के घर-घर जाकर वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे थे। वोट की अपील करने के साथ प्रत्याशी हर हाल में मतदान केंद्र पर पहुंचने का आह्वान कर रहे थे। प्रत्याशियों ने कितनी मेहनत क्षेत्र में की है। इसका नतीजा तो 23 मई को आएगा, लेकिन 23 अप्रैल को मतदाताओं की बारी मतदान करने की है। असली फैसला इसी दिन होने के बाद ईवीएम में कैद हो जाना है। इसलिए सभी दलों के प्रत्याशियों का जोर मतदान फीसद बढ़ाने पर है।


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