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सीएचसी में मौजूद नहीं थे डॉक्टर, निजी चिकित्सकों ने किया उपचार

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही आए दिन बढ़ती ही जा रही है। जिले में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। हालत यह हैं कि बड़े सड़क हादसे होने के बाद भी डॉक्टर अस्पताल तक नहीं पहुंच रहे हैं। इससे सड़क हादसों में घायल मुरादाबाद जाते वक्त दम तोड़ देते है। शुक्रवार को भी रोडवेज व बोलेरों की टक्कर के बाद जैसे ही घायल गुन्नौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे तो वहां पर डॉक्टर मौजूद नहीं थे। ऐसे में पुलिस को तीन निजी चिकित्सकों को मौके पर बुलाना पड़ा। सभी मरीजों को गंभीर हालत में उपचार के लिए मुरादाबाद रेफर कर दिया। भाई बहन ने रास्ते में दम तोड़ दिया। शायद अस्पताल में समय से उपचार मिल जाता तो शायद भाई बहन की जान बच सकती थी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 02:05 AM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 02:05 AM (IST)
सीएचसी में मौजूद नहीं थे डॉक्टर, निजी चिकित्सकों ने किया उपचार
सीएचसी में मौजूद नहीं थे डॉक्टर, निजी चिकित्सकों ने किया उपचार

चन्दौसी : स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही आए दिन बढ़ती ही जा रही है। जिले में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। हालत यह है कि बड़े सड़क हादसे होने के बाद भी डॉक्टर अस्पताल तक नहीं पहुंच रहे हैं। इससे सड़क हादसों में घायल मुरादाबाद जाते वक्त दम तोड़ देते है। शुक्रवार को भी रोडवेज बस और बोलेरो की टक्कर के बाद जैसे ही घायल गुन्नौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे तो वहां पर डॉक्टर मौजूद नहीं थे। ऐसे में पुलिस को तीन निजी चिकित्सकों को मौके पर बुलाना पड़ा। सभी मरीजों को गंभीर हालत में उपचार के लिए मुरादाबाद रेफर कर दिया। भाई बहन ने रास्ते में दम तोड़ दिया। शायद अस्पताल में समय से उपचार मिल जाता तो शायद भाई बहन की जान बच सकती थी।

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जिले में अक्सर आप लोगों ने ओपीडी के दौरान डॉक्टरों की न होने की बात सुनी होगी, लेकिन अब तो डॉक्टर बड़े सड़क हादसे होने के बाद भी अस्पताल तक नहीं पहुंच रहे हैं। कुछ ऐसा ही नजारा शुक्रवार को सुबह गुन्नौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिला। हुआ यूं कि गुन्नौर के नरौरा पुल पर रोडवेज व बोलेरो कार में आमने-सामने से टक्कर हुई। इसमें छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 13 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायलों को उपचार के लिए पुलिस आनन-फानन में गुन्नौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लेकर आई। जहां पर डॉक्टर ही मौजूद नहीं थे। सूचना मिलते ही एसपी यमुना प्रसाद मौके पर पहुंच गए। एसपी ने प्रभारी निरीक्षक से कहकर आनन-फानन में गुन्नौर व बबराला के तीन निजी चिकित्सकों को अस्पताल में बुला लिया। उसके बाद उन्होंने डॉक्टरों से एक-एक मरीज का अपने सामने उपचार कराया। किसी मरीज को वह गोद में बैठाकर उपचार करा रहे थे तो किसी घायल के इंजेक्शन लगता तो वह खुद लगवा रहे थे। सभी सुविधाएं न मिलने के चलते निजी चिकित्सक भी कुछ खास नहीं कर सके। ऐसे में उन्होंने सभी की हालत गंभीर देखते हुए मुरादाबाद रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही रवि कुमार व इसकी बहन सरस्वती ने दम तोड़ दिया। खास बात यह रही कि न तो सीएमओ द्वारा अस्पताल में कोई डॉक्टरों की टीम भेजी गई न ही उन्होंने स्वयं मौके पर जाने की जहमत उठाई।

लोगों का कहना हैं कि अगर अस्पताल में सही से उपचार मिल गया होता तो शायद दोनों की जान बच सकती थी, लेकिन एक बार फिर जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते दो और मौतें हो गई। हालांकि सीएमओ का दावा हैं कि जिस समय घायल अस्पताल आए थे। उस समय एक डॉक्टर मौजूद था।

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इनसेट-

दीपावली और भैया दूज पर तो डॉक्टरों को किया जाता है सतर्क

चन्दौसी: अक्सर सुनने को मिलता हैं कि अगर कोई बड़ा त्योहार होता है तो सीएमओ जिले के अस्पतालों के डॉक्टरों को 24 घंटे अस्पताल में रहने के निर्देश देती है जिससे अगर कोई हादसा हो तो फिर घायलों को तत्काल उपचार मिल सकें, लेकिन भैया दूज के दिन भी गुन्नौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की मौजूदगी न होना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की पोल खोलने के लिए काफी हैं, लेकिन तमाम बार डॉक्टरों की लापरवाही सामने आने के बाद भी कोई कार्रवाई न होने के चलते डॉक्टरों के हौसले बुलंद हो गए है। ::::::::::::::::::::::::::::::::

इनसेट-

कम पड़ गए स्ट्रेचर, घायलों को गोद में उठाकर लेकर गए पुलिस कर्मी

गुन्नौर : गुन्नौर थाना क्षेत्र के नरौरा पुल के पास सड़क हादसे में घायल हुए 13 लोगों को पुलिस ने आनन-फानन में उपचार के लिए गुन्नौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करने के लिए लेकर पहुंच गई, लेकिन अस्पताल में स्ट्रेचर कम पड़ गए। ऐसे में पुलिस कर्मियों ने ही घायलों को गोद में उठाया और लेकर अस्पताल के अंदर पहुंच गए। इसके बाद जब घायलों को मुरादाबाद रेफर किया तो पुलिस कर्मियों के साथ एसपी यमुना प्रसाद ने भी बच्चों को गोद में उठाया और एंबुलेंस तक लेकर पहुंचे। एंबुलेंस के अंदर घुसकर मरीजों को लिटाने में भी मदद की। यह नजारा जिसने भी देखा इस कार्य की सराहना की।

कोट-

हादसे के समय गुन्नौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर मौजूद था। उन्होंने मरीजों का उपचार किया है। अगर कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था तो इस मामले की जांच कराई जाएगी। जांच के बाद कार्रवाई होगी।

डॉ. अमिता ¨सह, सीएमओ सम्भल। कोट-

डॉक्टरों की कमी को देखते हुए तीन निजी चिकित्सकों को मौके पर बुलाया गया था। घायलों का उपचार निजी चिकित्सकों ने ही किया है। हालांकि उनकी हालत गंभीर देखते हुए सभी को मुरादाबाद रेफर कर दिया है।

अता मुहम्मद, प्रभारी निरीक्षक गुन्नौर


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