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दशहरा पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

बबराला राजघाट गंगा घाट के बबराला गंगा घाट पर विजयादशमी के त्येहार पर विभिन्न जिलों स

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Oct 2020 12:31 AM (IST)Updated: Mon, 26 Oct 2020 12:31 AM (IST)
दशहरा पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
दशहरा पर श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

बबराला: राजघाट गंगा घाट के बबराला गंगा घाट पर विजयादशमी के त्येहार पर विभिन्न जिलों से आए श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और पुण्यार्जित किया। रविवार को बदायूं, मुरादाबाद सहित अन्य जनपदों से आए हजारों श्रद्धालुओं ने पतित पावनी मोक्ष दायिनी मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाई।

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इस दौरान लोगों द्वारा विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न किए गये। वही गुन्नौर कोतवाल संजीव कुमार ने सभी को ड्यूटी के बारे में बता कर पूरे घाट का पैदल भ्रमण कर दुर्घटना के बचाब की जानकारी दी। गंगा घाट स्थल पर आसपास स्नान कर रहे लोगों को सचेत किया। वहां से हटाकर सही जगह नहाने के लिए कहा गया। नगर बबराला के गंगा घाट पर आस्थावान लोगों ने गंगा हमारे पुरखों को तारती हैं। पुराणों में कहा है कि गंगा का नाम लेने, सुनने, उसे देखने, उसका जल ग्रहण करने, छूने और उसमें स्नान करने से मनुष्य के जन्मों-जन्मों के पाप मुक्त हो जाते हैं। पंडित रवि शर्मा एवं हरेश बाबू शर्मा ने बताया कि शुक्ल पक्ष आश्विन मास दशमी को वैदिक एवं पौराणिक ग्रंथों- श्रीमछ्वागवत, महाभारत आदि में इसका विस्तार से वर्णन है। उन्होंने पितरों को स्वर्ग प्रदान किया। गंगा घाट राजघाट के दोनों घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी लगाई।श्रद्धालुओं के साथ साथ पुलिस वल भी तैनात रहा। गंगा दशहरे पर कोई भी व्यक्ति मां गंगा में डुबकी लगाता है। तो उसके जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है। भगवान राम के वंश में पैदा हुए भगीरथ ने पूर्वजों को तारने के लिए आराधना की तो ब्रह्मा ने गंगा को पृथ्वी पर जाने को कहा। तब भागीरथ ने अपनी तपस्या से भगवान शिव को प्रसन्न किया। मुंडन संस्कार व भंडारा का आयोजन

बबराला : दशहरा के शुभ अवसर पर गंगा में डुबकी लगाकर तमाम लोगों ने अपने छोटे बच्चों के बालों का मुंडन कराया। उसके बाद अपने बच्चों की सलामती के लिए माता-पिता ने गरीब-निराश्रितों को भोजन-वस्त्र का दान कर अपने बच्चों की दीर्घायु और कारोबार में प्रगति की कामना भी की। इसके अलावा भण्डारों का भी आयोजन किया गया। महिलाओं द्वारा जमकर की गई बिसातखाने की दुकानों पर की खरीदारी कर घरों को प्रस्थान किया।


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