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आरसीईपी समझौते के विरोध में किसानों का प्रदर्शन

. आरसीईपी समझौते के विरोध में किसानों ने प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 07:27 PM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 06:21 AM (IST)
आरसीईपी समझौते के विरोध में किसानों का प्रदर्शन
आरसीईपी समझौते के विरोध में किसानों का प्रदर्शन

एसडीएम कार्यालय पर नारेबाजी के बाद राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा

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जागरण संवाददाता, सम्भल: राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के पदाधिकारियों ने केन्द्र सरकार द्वारा किये जा रहे आरसीईपी समझौते के संबंध में उपजिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया, जिसमें किसानों ने कहा कि इस समझौते का देश के 250 किसान संगठन विरोध कर रहे है। इस समझौते से किसान बर्बाद हो जाएगा। इससे किसानों में रोष व्याप्त है।

सोमवार को राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के पदाधिकारी उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा किये जा रहे आरसीईपी समझौते के विरोध में प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एसडीएम दीपेन्द्र यादव को ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, चीन व जापान सहित 16 देशों के साथ आरसीईपी समझौता कर रही है। जो देश के किसानों के हित में नहीं है। आज पूरे देश के लगभग 250 किसान संगठनों के किसान अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के माध्यम से आरसीईपी समझौते का विरोध कर रही है। हमारे देश में पूर्व में किये गये 14 मुक्त व्यापार समझौते के दुष्पपरिणाम देश के किसान को झेलने पड़ रहे है। उन्होंने कहा कि अगर आरसीईपी समझौता हो गया तो देश का किसान बर्बाद हो जायेगा। क्योंकि विदेशों में सरकारें अपने किसानों को भारी सब्सिडी देती है। जबकि हमारे देश के किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि इस समझौते में डेयरी उत्पाद को शामिल करने का प्रस्ताव है अगर यह लागू हो गया तो विदेशों में कर मुक्त दूध का आयात किया जाएगा। इससे दूध उत्पादन करने वाले किसानों की आय प्रभावित होगी और दूध उत्पादक किसान दूध के मूल्य की गिरावट के कारण किसान कर्जमंद हो जाएगा। इस दौरान कुलदीप सिंह, संतवीर सिंह, मनवीर सिंह, विवेक चौधरी, हरवीर सिंह, रामौतार, तेजपाल, सोनू आदि मौजूद रहे।


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