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त्योहारी सीजन में लोग स्थानीय उत्पाद को दे रहे महत्व

बहजोई जनपद में चल रहे त्योहारी सीजन धनतेरस दीपावली भैया दूज पर व्यापार

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Nov 2020 07:22 PM (IST)Updated: Wed, 11 Nov 2020 07:22 PM (IST)
त्योहारी सीजन में लोग स्थानीय उत्पाद को दे रहे महत्व
त्योहारी सीजन में लोग स्थानीय उत्पाद को दे रहे महत्व

जागरण संवाददाता, बहजोई: जनपद में चल रहे त्योहारी सीजन धनतेरस, दीपावली, भैया दूज पर व्यापारी एवं ग्राहक दोनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंत्र लोकल फॉर वोकल जप रहे हैं। बाजार में स्वदेशी उत्पाद की बहार है। कई दुकानों पर स्थानीय उत्पाद भी सजे हैं। रंगबिरंगी आकर्षक कैंडल, आइटम, मिट्टी व प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां खूब भा रही हैं। मिट्टी के दीपक की मांग भी बढ़ने लगी है। ग्राहकों के बदलते रुख से परंपरागत दीपक बनाने वाले कुम्हारों के घर यह दीपावली खुशियां लाने वाली साबित हो सकती हैं। धनतेरस व दीपावली की तैयारियों में एक हफ्ते से जुटे बाजार अब सजने लगे हैं। कपड़े बर्तन और ज्वेलरी शॉप की रंगत देखते ही बनती है। नगर में सड़क किनारे लक्ष्मी, गणेश की मिट्टी व प्लास्टर ऑफ पेरिस से निर्मित मूर्तियां व मिट्टी के दीपक बेचने वालों को जगह जगह देखा जा सकता है। कोरोना संकट के चलते के इस दौर में बर्तन, सोना, चांदी के साथ रेडीमेड, कपड़ा व्यापारियों को काफी उम्मीदें हैं। व्यापारी का कहना है कि इस बार ग्राहकों की मांग के मुताबिक ही सामान मंगाए हैं। इलेक्ट्रिक सामान के व्यापारी हरिओम बताते हैं कि चाइनीज झालरों की अपेक्षा ग्राहक जीरो वाट के बल्बों की झालर अधिक खरीद रहे हैं। मिट्टी के दीपकों की बढ़ी मांग

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नगर के मुहल्ला कुम्हारहान निवासी राजू ने बताया कि अब ग्राहक मिट्टी के दिये पसंद कर रहे हैं। कोई भी अवसर हो मिट्टी के दीपक ही खरीदे जाते हैं।

त्योहार हो या कोई और अवसर मैं स्वदेशी को ही महत्व देता हूं। इस बार धनतेरस व दीपावली के लिए भी स्वदेशी वस्तुएं खरीद रहे हैं। लालू वाषर्णेय, बहजोई।

स्वदेशी वस्तुएं बेहतर हैं। हम इन्हीं का इस्तेमाल कर रहे हैं। त्योहार की खरीदारी में स्वदेशी वस्तुएं ही प्राथमिकता पर रहती है।

अमित कुमार, बहजोई।

नगर में ही बनाए गए मिट्टी के आकर्षक दीये, मोमबत्ती हैंडलूम के आइटम बाजार में उपलब्ध हैं, तो विदेशी वस्तुएं क्यों लें। हम यही खरीद रहे हैं।

गौरव कुमार, बहजोई।

देश को आत्मनिर्भर बनाना है तो यहां निर्मित वस्तुओं का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए। हम तो कई साल से स्वदेशी वस्तुएं खरीद रहे हैं।

ललित शकर, बहजोई।


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