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CoronaVirus in UP : सम्भल में थम नहीं रहा है बंदरों की मौत का सिलसिला, लोगों में दहशत

CoronaVirus in UP सम्भल के पवांसा में रविवार को फिर दो बंदरों की मौत हो गई थी। उनके शवों को पोस्टमार्टम कराने के लिए बरेली भेजे हैं। य

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 13 Apr 2020 01:06 PM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2020 01:11 PM (IST)
CoronaVirus in UP : सम्भल में थम नहीं रहा है बंदरों की मौत का सिलसिला, लोगों में दहशत
CoronaVirus in UP : सम्भल में थम नहीं रहा है बंदरों की मौत का सिलसिला, लोगों में दहशत

सम्भल, जेएनएन। देश तथा प्रदेश में जानलेवा कोरोना वायरस संक्रमण के कहर में सम्भल में बंदरों की लगातार मौत का सिलसिला न थमने से लोग दहशत में हैं। सम्भल में सौ से अधिक लोगों को कोरोना वायरस संदिग्ध होने की जांच जारी है। इसी बीच लोग आशंकित हैं कि कहीं यहां पर बंदरों में भी तो कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं हो गया है।

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सम्भल के पवांसा में रविवार को फिर दो बंदरों की मौत हो गई थी। उनके शवों को पोस्टमार्टम कराने के लिए बरेली भेजे हैं। यहां पर बंदरों की लगातार मौत होने से ग्रामीणों में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर दहशत है। वन विभाग के साथ ही अब पशु पालन की टीमें भी बंदरों को बचाने में लगी हैं। यहां पर पहले बंदर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में निमोनिया से मौत की पुष्टि हुई थी। उसके बिसरा परीक्षण में कोरोना संक्रमण नहीं मिला था। इसके बाद भी यहां पर अब काफी सतर्कता बरती जा रही है। डीएम के साथ एसपी ने भी मौके का दौरा करने के साथ ही स्वास्थ्य तथा पशु पालन के साथ वन विभाग की टीम को यहां की लगातार निगरानी करने का निर्देश दिया गया है।

सम्भल के पवांसा गांव में शनिवार को एक और बंदर की मौत हो गई। वहीं जिले व मंडलस्तरीय अधिकारियों का दौरा जारी रहा। शनिवार को मंडल के अपर निदेशक ने पवांसा पहुंचकर ग्रामीणों और वन विभाग के कर्मचारियों से जानकारी ली। वन विभाग द्वारा तालाब के चारों तरफ सैनिटाइज किया गया। वन विभाग ने तालाब को चारों तरफ से सैनिटाइज कराया गया और जगह-जगह स्वच्छ पानी का इंतजाम किया गया। इसके साथ मुरादाबाद मंडल से आए अपर निदेशक डॉ. राजेश मोहन दीक्षित ने मौके पर जाकर पशु चिकित्सक और वन विभाग के कर्मचारियों से बंदर की मौत के बारे में जानकारी ली और डीएफओ से तालाब के पानी की जांच रिपोर्ट के बारे में मालूम किया। डीएफओ ने सोमवार तक रिपोर्ट आने की बात कही।

वहीं अपर निदेशक ने भटपुरा मुहल्ले के पास के जंगल में चारों तरफ जाकर जायजा लिया। जिससे किसी के खेत में कीटनाशक दवा का इस्तेमाल तो नहीं किया गया है जो बंदरों की मौत का कारण बन रहा हो। डीएफओ से मुहल्ले के पास के खेतों में लगे मैंथा के खेत में से भी पानी का सैंपल जांच के लिए भेजने को दिया कहा गया है। अपर निदेशक ने बताया कि तालाब के पानी की जांच कराई गई है और रिपोर्ट आनी है। एक मृत बंदर के शव को शुक्रवार को फिर से पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

देखभाल के लिए लगाई गई ड्यूटी

पवांसा में बंदरों की हो रही लगातार मौत ने प्रदेश ही नहीं देश में भी इस विपरीत परिस्थिति में एक सवाल दे दिया है। लोग घबराए हैं और बंदरों की मौत को लेकर दहशत है। दो बंदरों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था उन्हें निमोनिया के कारण मौत की बात सामने आई। इसके बाद भी इनके बिसरा को बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर भेजा गया था जहां से बंदरों की मौत में कोविड-19 वायरस नहीं मिला है।

प्रभारी वनाधिकारी डीके चतुर्वेदी ने बताया कि सात अप्रैल से 11 तक पवांसा में कुल 12 बंदरों की मौत हुई है। दो बंदरों के शव का पोस्टमार्टम कराया गया है इसमें किसी भी तरह के कोविड -19 के मामले की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसे में अब बंदरों का ख्याल रखने के लिए वहां शिफ्टवाइज डयूटी लगा दी गई है। केला, चना गुड़ आदि भी बंदरों को समय समय पर खिलाया जाएगा। जिम्मेदारी कर्मचारी निभाएंगे।  


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