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बॉटम: श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार स्थल का भवन जर्जर

सरायतरीन नगर से सटी उपनगरी सरायतरीन में स्थित श्मशान घाट के भवन की जर्जर हालत हैं। आ

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 11:49 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 11:49 PM (IST)
बॉटम:  श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार स्थल का भवन जर्जर
बॉटम: श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार स्थल का भवन जर्जर

सरायतरीन: नगर से सटी उपनगरी सरायतरीन में स्थित श्मशान घाट के भवन की जर्जर हालत हैं। आये दिन श्मशान घाट पर स्थित अंतिम संस्कार स्थल की छत से ईट के टुकड़े टूट कर गिरते रहते है। ऐसे में वहां पर जाने वाले लोगों के मन में गाजियाबाद के मुरादनगर की घटना कौंध जाती है। वैसे इस हादसे के बाद शासन से लेकर प्रशासन तक की ओर से मामले में कार्रवाई के निर्देश देते हुए कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई भी की गई थी। वैसे सरायतरीन में स्थित श्मशान घाट की हालत ठीक नहीं है। जर्जर श्मशान घाट का भवन हादसे को दावत दे रहा हैं। क्योंकि श्मशान घाट की छत काफी जर्जर हो चुकी हैं। यहां पर सरायतरीन, हल्लू सराय, चौधरी सराय समेत कई अन्य गांव व मोहल्लों के लोगों का अंतिम किया जाता है। इतना ही नहीं अनदेखी के कारण इस श्मशान घाट का रास्ता भी बेहद खराब है, जिससे अंतिम यात्रा में शामिल लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मालूम हो कि सरायतरीन से सटे गांव सुल्तानपुर बुजर्ग में वर्षों पूर्व लोगों ने एकजुट होकर अंत्येष्टि के लिए श्मशान घाट का निर्माण करवाया था। समय-समय पर लोगों के सहयोग से श्मशान घाट पर काफी व्यवस्थाएं पूर्ण हो चुकी थी। वर्षो पहले बने इस श्मशान घाट के परिसर में बने अंत्येष्टि स्थल की छत से अब निर्माण सामग्री हटने लगी है और साथ ही पूरा भवन जर्जर हालत में है। वही बरसात के दौरान अंतिम यात्रा में शामिल लोगों को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। वह जैसे तैसे श्मशान घाट तक पहुंचते है। इस दौरान हादसे की संभावना बनी रहती है। अंग्रजों के जमाने का बना श्मशान घाट हैं। इसकी छत से आए दिन सीमेंट व ईंट के टुकड़े गिरते रहते हैं, इससे हादसे का अंदेशा बना रहता हैं। कई बार पालिका प्रशासन से शिकायत की हैं, लेकिन सुनवाई नही हुई।

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महेंद्र बाबा औघड़नाथ

यहां पर बना श्मशान घाट कम से कम 70 से 80 वर्ष पुराना हैं, इसकी हालात काफी जर्जर हैं। लोगो ने मिलकर पालिका प्रशासन से शिकायत की हैं। अंत्येष्टि स्थल पर हादसे का अंदेशा बना रहता हैं। मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजकर इसके निर्माण की मांग की गई है।

राजकुमार वर्मा अंत्येष्टि स्थल की छत काफी जर्जर हालत में है। वही लोगों ने 15 साल पहले चन्दा करके अन्य अंत्येष्टि स्थल का निर्माण कराया था। उसकी भी अब हालत खराब हैं। पालिका प्रशासन इनकी मरम्मत करा दें नही तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता हैं।

अमर सिंह यह श्मशान घाट कई दशक पुराना हैं। लाल रंग से बना अंत्योष्टि स्थल की छत काफी जर्जर हैं, इसकी मरम्मत होनी चाहिए। नही तो बड़ा हादसा हो सकता हैं।

राजेन्द्र कुमार


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