सांप्रदायिक सौहार्द्र : इस मदरसेे में नमाज के साथ बच्चे करते हैं गायत्री मंत्र का जाप, बोलते हैं भारत माता की जय
देश में इन दिनों जहां मंदिर मस्जिद वंदेमातरम और नमाज को लेकर एक बहस आम हो जा रही है वहीं संभल में एक मदरसा मिसाल बना है।
संभल, जेएनएन। देश में जहां इन दिनों मंदिर मस्जिद, वंदेमातरम और मॉब लिंचिंग एक बड़ा मुद्दा बन चुका है वहीं सम्भल जनपद से तकरीन 11 किलोमीटर की दूरी पर बबैना के निकट स्थित मदरसा मौलाना मोहम्मद अली जौहर मऊभूड़ सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल है। इस मदरसे में दिन की शुरुआत मां गायत्री के मंत्र के वंदन से शुरू होती है तो बच्चे वंदेमातरम के बाद ही दीनी व दुनियावी तालीम हासिल करते हैं। यह मदरसा उन लोगों को मुंह चिढ़ा रहा है। जो सड़कों पर अली तथा बजरंग बली के नाम पर लड़ रहे हैं। उन्हें सब सिखाता है जो देश में अशांति फैलाते हैं।
संभल में यह ऐसा मदरसा है जहां के बच्चे नमाज पढऩे के साथ-साथ वंदेमातरम और गायत्री मंत्र भी पढ़ते हैं। इस मदरसा के बच्चे कलमा पढऩे के अलावा अंग्रेजी और उर्दू का भी अध्ययन करते हैं। मदरसे में पढ़ाई की शुरुआत वंदेमातरम और कलमे से होती है।
सम्भल के मऊभूड में मदरसा मौलाना मोहम्मद अली जौहर का है। इसका संचालन प्रबंधक फिरोज खां करते हैं। उनका कहना है कि मदरसे में पढ़ाई की शुरुआत वंदेमातरम, गायत्री मंत्र और कलमे से होती है। उनका साफ पैगाम है कि आरती भी होगी और अजान भी होगी। मदरसे के बच्चे भारत माता की जय भी बोलते हैं। इसकी एक और खास बात यह है कि बच्चे कलमा कई भाषाओं में पढ़ते हैं। मदरसा प्रबंधक फिरोज खान बड़े गो रक्षक हैं। वह गाय की रक्षा के लिए तमाम लड़ाइयां लड़ चुके हैं। उनका साफ कहना है कि गाय को गो माता घोषित कर गो हत्या पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा देना चाहिए। सम्भल का यह मदरसा देश के उन सिरफिरों के लिए सबक है जो हिंदू-मुस्लिम और आरती -अजान को लेकर सियासी बातें करते हैं।
यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन, उत्तर प्रदेश सरकार से पंजीकृत मदरसा में 170 बच्चे शिक्षा लेते हैं। यहां पर गरीबों को मुफ्त में शिक्षा दी जाती है। अनाथ बच्चों को तो किताब भी फ्री में दी जाती है। सक्षम लोगों से प्रति माह सिर्फ सौ रुपये की फीस ली जाती है। सरकार से किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता नहीं मिलती है। इसके बाद भी यहां पर रुचि लेने वाले बच्चों को संस्कृत की भी शिक्षा दी जाती है। इसमें बच्चों को कक्षा आठ तक शिक्षा दी जाता है। कक्षा पांच के छात्र आफाद खां ने बताया कि मुझे गायत्री मंत्र के साथ कलमा पढऩा अच्छा लगता है।
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