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विनोद अग्रवाल के भजन सुन झूमने लगते थे लोग

प्रसिद्ध भजन गायक विनोद अग्रवाल के निधन के बाद उनके क्षेत्र में तो तमाम लोग दुखी होंगे, लेकिन चन्दौसी में भी उनके निधन से शोक की लहर दौड़ गई। क्योंकि चन्दौसी के लोग उनसे बेहद लगाव रखते थे। वह एक दो नहीं बल्कि सात बार आकर चन्दौसी में अपने भजनों का जलबा बिखेर चुके हैं। पिछले बीस वर्ष से वह चन्दौसी आते थे। अब भी वर्ष 2019 में उनका एक कार्यक्रम प्रस्तावित था। जिसकी तैयारी भी शुरू हो चुकी थी। लोग भी एक बार उनका फिर भजन सुनने के लिए उत्साहित थे। उनके निधन की सूचना पर तमाम लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए निवास स्थान पर पहुंचे।

By JagranEdited By: Published: Wed, 07 Nov 2018 12:23 AM (IST)Updated: Wed, 07 Nov 2018 12:23 AM (IST)
विनोद अग्रवाल के भजन सुन झूमने लगते थे लोग
विनोद अग्रवाल के भजन सुन झूमने लगते थे लोग

चन्दौसी : प्रसिद्ध भजन गायक विनोद अग्रवाल का चन्दौसी से पुराना नाता रहा है। वह यहां सात बार आये थे। उनके भजनों को सुनकर लोग कृष्ण भक्ति में झूम उठते थे। लोगों के दिलों में उनकी यादें आज भी तरोताजा हैं। उनके निधन का समाचार मिलते ही नगर वासी शोकाकुल हो गये।

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यहां वह अंतिम बार बीते साल मार्च के महीने में आये थे। अग्रवाल सेवा समिति की ओर से संजीवनी पैलेस में भजन संध्या का आयोजन किया गया था। लोग उन्हें सुनने के लिए घंटो पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गये थे। लोगों का सैलाव उमड़ पड़ा था। हर कोई उनके भजन सुनने के लिए बेताव था। उनके मंच पर पहुंचते ही पूरा वातावरण तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था।

उनकी पहली प्रस्तुति चंदा की चांदनी में यमुना की तीरे, मस्ती से बंसरी बजाए धीरे धीरे, ने समां बांध दिया। इसके बाद जब उन्होंने गाया- कन्हैया को एक रोज रोके पुकारा, कहा उनसे जैसा हूं अब हूं तुम्हारा तो लोग कृष्ण भक्ति में झूमने लगे। एक के बाद एक भजनों की प्रस्तुति होती रही और भगवान श्रीकृष्ण प्रेम में श्रद्धालु भजन सुनकर सुधबुध खो बैठे और उनके कदम थिरकने लगे थे। इसके अलावा उनका कार्यक्रम वर्ष 2002, 2005, 2007, 2013 और 2015 भी यहां आयोजित हुआ था। अब फिर वर्ष 2019 में उनका कार्यक्रम निर्धारित था। कार्यक्रम की तैयारी शुरू हो चुकी थी।

मंगलवार को जब यहां लोगों को उनके निधन की सूचना मिली तो वह हतप्रभ रह गये। नवीन कुमार, विष्णु शंकर श्रद्धांजलि देने के लिए वृंदावन रवाना हो गए। फोन पर बात करते हुए नवीन कुमार ने बताया कि वह जब कभी वह मुरादाबाद मंडल में आते थे तो हमारे घर जरूर आते थे। उन्हें दाल रोटी अधिक पसंद थी।


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