सुबह का नाश्ता हुआ महंगा, कैसे बने मुंह का जायका
एक ओर सब्जियों और खाद्यान्न पदार्थों पर महंगाई की मार से रसोई का बजट पहले ही बिगड़ चुका है।
चन्दौसी: एक ओर सब्जियों और खाद्यान्न पदार्थों पर महंगाई की मार से रसोई का बजट पहले ही बिगड़ चुका है। गरीब के मुंह में निवाला पहुंचना मुश्किल हो गया है। वहीं अब सुबह के नाश्ते पर महंगाई का डंक लगने लगा है। ब्रेड और मैगी आदि के दामों में उछाल आने से सुबह के नाश्ते का जायका बिगड़ गया है। वहीं दुकानदारी पर भी खासा असर पड़ने लगा है।
बता दें कि 600 ग्राम आटा ब्रेड पर सात रुपये और मैदा ब्रेड पर पांच रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। आटा ब्रेड पहले 25 रुपये तो अब 32 रुपये की है। इसी प्रकार मैदा ब्रेड 30 रुपये से बढ़ कर 35 रुपये की हो गई। इतना ही नहीं 450 ग्राम की 25 रुपये वाली ब्रेड का वजन 400 रुपये कर दिया गया है जबकि मैगी के 11 रुपये के पैकेट में एक रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। इस संदर्भ में जब आम लोगों से बातचीत हुई तो उनका यही कहना था कि खाद्य पदार्थों पर इसी तरह महंगाई का डंक लगता रहता तो मुंह का जायका कैसे बन सकेगा।
सीता रोड स्थित दुकान स्वामी नरेश वाष्र्णेय ने बताया कि ब्रेड और मैगी के दाम बढ़ने से दुकानदारी पर असर पड़ा है। पहले सुबह के समय ब्रेड बिक जाया करती थी। जबसे दाम बढ़े हैं तब से रोजाना ब्रेड बच रही है। गणेश कालोनी स्थित दुकान स्वामी सोनू गुप्ता ने बताया कि गरीब तपके के लोग अब ब्रेड का भाव पूछ कर ही लौट रहे हैं। आवास विकास की पायल गुप्ता का कहना है कि पहले ही सब्जियों आदि पर महंगाई की मार से आम आदमी दब गया है, अब नाश्ते जैसी चीजें भी महंगी हो रही हैं। इससे आम आदमी पर खासा असर पड़ेगा। आवास विकास के आलोक गुप्ता ने बताया कि आम आदमी की कमर टूट रही है। गरीब को तो ब्रेड भी नसीब नहीं होगी। पुनीत खुराना ने बताया कि ऐसे ही महंगाई बढ़ती गई तो गरीब के मुंह तक निवाला पहुंचना मुश्किल होगा। जावेद ने बताया कि आदमी की आमदनी वहीं स्थिर है, जबकि रोजमर्रा की चीजों के दामों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि ब्रेड एक ऐसी चीज है जिससे गरीब भी आसानी से पेट भर लेता है, उसी पर महंगाई हो रही है तो गरीब का कैसे काम चलेगा। निशी खुराना ने बताया कि पहले ही रसोई का बजट बिगड़ गया है, लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, सोचा था कि महंगाई कम होगी। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा।