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Sambhal: किसान महापंचायत में राकेश टिकैत, बोले- बीजेपी का ताबीज पहनकर ईडी और सीबीआइ से बच रहे विपक्षी नेता

भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार संविधान व्यवस्थाओं को नष्ट कर देना चाहती है। सभी के अधिकारों को छीना जा रहा है और अन्याय के विरुद्ध आवाज बुलंद करने वालों पर झूठे मुकदमे दर्ज कराते हुए उनकी आवाज को कुचला जा रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Vivek BajpaiPublished: Sun, 20 Nov 2022 02:56 PM (IST)Updated: Sun, 20 Nov 2022 05:35 PM (IST)
Sambhal: किसान महापंचायत में राकेश टिकैत, बोले- बीजेपी का ताबीज पहनकर ईडी और सीबीआइ से बच रहे विपक्षी नेता
Kisan Mahapanchayat in Sambhal: महापंचायत में किसानों को संबोधित करते राकेश टिकैत। जागरण

संभल, जागरण संवाददाता। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और सीएम योगी पर बोलने से परहेज किया। साथ ही अधिकारियों पर सीएम योगी से तमाम मुद्दों पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने सरकार पर जनता के सभी संसाधनों पर कब्जा कर ईडी सीबीआइ के दुरुपयोग का आरोप लगाया और केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई से बचने के लिए बीजेपी का ताबीज पहनकर का तंज कसा। वह रविवार को बहजोई के बड़े मैदान पर आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। 

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भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार संविधान व्यवस्थाओं को नष्ट कर देना चाहती है। सभी के अधिकारों को छीना जा रहा है और अन्याय के विरुद्ध आवाज बुलंद करने वालों पर झूठे मुकदमे दर्ज कराते हुए उनकी आवाज को कुचला जा रहा है। जब जब देश में विपक्ष कमजोर होता है, तब तब सरकार तानाशाही हो जाती है और जब सरकार तानाशाही हो जाती है तो देश में नई वैचारिक क्रांति आती है और उसी क्रांति से बड़े आंदोलन बनाते हैं। इसलिए जरूरी है कि किसानों को अपने ट्रैक्टर के बंपर मजबूत करने होंगे, जो युवा फौज में अग्निवीर के लिए जाएंगे, उन्हें टैंक चलाने सीखने होंगे और पढ़े-लिखे लोगों को ट्विटर सीखना होगा। जिसके जरिए अपनी आवाज बुलंद की जा सके।

अडानी को मजबूत करने का काम कर रही सरकार

टिकैत ने सरकार पर पूंजीपतियों को तरजीह देकर किसानों को बर्बाद करने का आरोप लगाया और कहा कि कंपनियों को पूंजी पतियों को जमीन दिलाने के लिए सरकार नियमों की अनदेखी करती है। अंग्रेजों के जमाने कि कानूनों का दावा करते हुए उन्हें मुफ्त में जमीन दे दी जाती है। अब कंपनियां ही तय करेंगीं कि आपको फसल में क्या करना है और कहां कितनी ऊंची फसल करनी है? उन्होंने गंगा एक्सप्रेसवे के आसपास के क्षेत्र में ढाई फीट से ऊंची फसल पैदा होने की रोक का भी किसानों को संकेत दिया।

बलि प्रथा वाली सरकार से बच कर रहना

उन्होंने कहा कि सरकार संविधान को नहीं मानती हैं जो इसके विरुद्ध अपनी आवाज को बुलंद करता है, उसकी बलि ले ली की जाती है। अगर आपको संविधान बचाना है, विचारों को बचाना है तो संगठन को मजबूत करना होगा। यहां लिखित आर्डर नहीं चलते बल्कि सरकार आंदोलनों को दबाने के लिए अधिकारियों का चेहरा आगे करती है और उसी के चेहरे से सरकार की पहचान होती है। अधिकारी तंग हैं। महंगाई चरम सीमा पर है। युवा बर्बाद हो रहा है। किसानों की जमीन छीनी जा रही हैं। मंडियों को खत्म किया जा रहा है। फसलों को खत्म करने की तैयारी है। बिहार में जिस प्रकार से मंडियां खत्म की गई, वहां धान और मसूर का मूल्य नहीं मिल रहा है।

तीनों कृषि कानूनों में भी मंडी खत्म करने की थी व्यवस्था

बहजोई: सरकार ने कृषि कानूनों को वापस जरूर ले लिया है लेकिन उनकी मंशा अभी भी खतरनाक है। वह मंडियों को खत्म करना चाहते हैं। एमएसपी पर जो व्यापारी किसानों की फसलों को सस्ते मूल्य पर खरीद रहे हैं। उसे महंगा करके बेचते हैं। रामपुर जिले में भी पूर्वांचल से आकर एक विशेष प्रजाति का धान बिक्री होता है। जो पश्चिम में पैदा ही नहीं होता जिससे करीब ढाई सौ से 300 करोड़ का घपला किया जा रहा है।

टिकैत बोले बड़े आंदोलन की है तैयारी

टिकैत ने कहा कि सरकार नई व्यवस्था के अंतर्गत न्यायिक व्यवस्था को भी धकेलना चाहती है और मनमानी करते हुए लोगों का उत्पीड़न कर रही है। जम्मू कश्मीर में किसानों का शोषण किया जा रहा है। वहां के किसानों के सेब के ट्रक को 20 दिनों तक ट्रकों में माल रुकवा दिया जाता है, जिससे वह सड़ जाता है और अगर कोई विरोध करता है तो उसे देशद्रोह के मुकदमे में जेल में ठूंस दिया जाता है। इस नई व्यवस्था के विरुद्ध अब बड़े आंदोलन की तैयारी है।

एमएसपी और स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने पर झूठ बोलती सरकार

देश में किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कराने का वादा सरकार पूरा नहीं कर रही है। सीटू प्लस फार्मूला का प्रयोग भी नहीं हुआ है जबकि एएफएल फार्मूला लागू किया है, जिससे किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलता। आंदोलन वापसी के दौरान पराली जलाने को लेकर सहमति बनी थी लेकिन सरकार अब उससे पलट रही है। बिजली का निजीकरण किया जा रहा है। अब उन किसानों को भी वाणिज्यिक कनेक्शन लेना पड़ेगा, जिनके घर पर दो भैंस हैं।

बीज बिल लाकर किसानों के शोषण का आरोप

टिकैत ने कहा कि सरकार जल्दी ही बीज बिल लाएगी जिसे नए-नए थाने खोले जाएंगे और पुलिस किसानों के खेत खेत जाएगी, जहां यह देखेगी कि कौन से किसान ने कौन सा बीज प्रयोग किया है और कंपनी की मांग पर किसानों के विरुद्ध मुकदमे दर्ज होंगे।

नलकूप के मीटर चोरी दिखा कर पुलिस को दो तहरीर

अपने भाषण के आखिरी दौर में राकेश टिकैत ने किसानों को अजीबोगरीब सलाह दी, उन्होंने कहा कि सरकार आपके नलकूप पर मीटर लगा रही है, जहां खेतों में उसकी कोई रखवाली नहीं करता है। आपको इशारा दिया जा रहा है, बाकी आप सब समझदार हो। बिजली के मीटर चोरी हो जाएंगे और उसकी रिपोर्ट थाने में लिखवा दिया करो और बता दिया करो कि मीटर में भी कोई तांबे की वस्तु लगी होती है, जिसकी वजह से चोर उसे ले जाते हैं।

आदिवासियों से सीखो आंदोलन का तरीका

किसानों को बड़े आंदोलन के लिए तैयार करने को टिकैत ने आदिवासियों से सीख लेने की सलाह दी। कहा कि आदिवासी जिस प्रकार से अपने आंदोलन को धार देते हैं। वह वहां स्थानीय पुलिस से नहीं लड़ते बल्कि देश की सेना से लड़ते हैं जो टैंकों से आदिवासियों से लड़ाई करती है, जिन्हें माओवादी कहकर पुकारा जाता है।

लोग बीजेपी का ताबीज पहनकर ईडी और सीबीआई से करते हैं बचाव

भारतीय जनता पार्टी पर कटाक्ष करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि सत्ता का खौफ लोगों में इस कदर बैठ जाता है कि लोग ईडी और सीबीआइ जैसी संस्थाओं की कार्रवाई से बचने के लिए बीजेपी पार्टी ज्वाइन कर लेते हैं। जिसके गले में बीजेपी का ताबीज होता है। उस पर मेहरबानी रहती है और वह कार्रवाई से बच जाता है।

धर्म परिवर्तन भाजपा सरकार की खुराक, इसके चक्‍कर में मत पड़ो

धर्म परिवर्तन सरकार की खुराक है। इसके चक्कर में मत पड़ो। सभी किसान चाहते हैं कि एमएसपी पर खरीद हो और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए। भारत सरकार के इशारे पर किसानों की फसलों की लूट की जा रही है। अब किसानों को एक और आंदोलन करना पड़ेगा, नहीं तो सभी मारे जाएंगे, अगर आंदोलन नहीं हुआ तो देश उत्तर कोरिया बन जाएगा। यह बातें संभल पहुंचे भाकियू प्रवक्‍ता राकेश टिकैत ने कहीं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बेहतर बताया।

टिकैत बोले, भारत में भी किमजोंग उन, उत्‍तर कोरिया बन जाएगा देश

संभल क्षेत्र के गांव गुलालपुर में भाकियू नेता वीरेंद्र सिंह के आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि देश को एक और बड़ा आंदोलन करना होगा, क्योंकि देश में किमजोंग उन पैदा हो गए हैं। अगर आंदोलन नहीं हुआ तो देश उत्तर कोरिया बन जाएगा। सरकार किसानों को दबाना चाहती है। जिससे देश में कोई आंदोलन न हो। उन पर आरोप और मुकदमे लगाकर दबाया जा रहा है।

किसानों को भूमिहीन बनाना चाहती है सरकार

उन्‍होंने कहा कि किसानों को सरकार भूमिहीन बनाना चाहती है। फसलों के दाम नहीं मिल रहे हैं। अगल-अलग प्रदेश को भारत सरकार अलग-अलग तरीके से खत्म कर रही है। श्रीनगर में एक टीम हमारी गई थी। वहां सेब उत्‍पादक किसानों को सरकार ने बर्बाद कर दिया। सेब भरने के बाद ट्रक बीस दिनों तक सड़कों पर खड़ा रहता है। एक कंपनी के सेब को बाजार मिले और महंगे रेट पर बिक्री हो इसलिए उसे छूट दी जाती है।

कश्‍मीर के किसानों को सरकार ने किया बर्बाद

कश्मीर से जो सेब आता था उसे बर्बाद किया जा रहा है। पट्टे की जमीन के नाम पर किसानों की जमीन छीनी जा रही है। कोर्ट में किसान कभी भी मुकदमा नहीं जीत पाएगा। न तो सरकार गन्ना रेट घोषित करेगी न ही किसानों को भुगतान मिलेगा। तीनों कानून वापस तो हो गए है, लेकिन अब सरकार मंडियों को बेचने की फिराक में लगी हुई है।


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