शेर पर सवार हो कर आजा शेरा वालिया..
सम्भल नगर व ग्रामीण क्षेत्र के मंदिरों पर मां दुर्गा की सातवां स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की गई।
सम्भल: नगर व ग्रामीण क्षेत्र के मंदिरों पर मां दुर्गा की सातवां स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना की गई। सुबह चार बजे से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ जमा होनी शुरु हो गई। श्रद्धालुओं ने विधिवत रूप से मां की पूजा कर मनौती मांगी और आशीर्वाद लिया। दिनभर घरों में भजन कीर्तन होते रहे।
नगर के चामुंडा मंदिर में मां कालरात्रि की पूजा अर्चना करने के सुबह से ही पूजा अर्चना करने के लिए श्रद्धालु आने शुरु हो गए थे। श्रद्धालुओं ने मंदिर में पहुंचकर मां के दर्शन किए और घर में सुख समृद्धि की कामना की। नगर के गली मुहल्लों मे पूरे दिन भजन कीर्तन होते रहे जिससे माहौल भक्तिमय हो गया। शाम को मंदिरों व घरों में मां की आरती हुई। उसके बाद में प्रसाद वितरण किया गया। राधेश्याम श्रीमाली ने कहा कि काल का अंत करने के लिए ही मां कालरात्रि की उत्पत्ति ब्रह्मा की सातवीं विद्या के रूप में हुई थी।