दमकल हुई फेल, पूरे घर जलाकर शांत हुई आग
सम्भल: भले ही सरकार ने आग बुझाने के लिए दमकल हर जिले में खड़ी कर रखी हो, लेकिन यह समय आने पर फेल हो ज
सम्भल: भले ही सरकार ने आग बुझाने के लिए दमकल हर जिले में खड़ी कर रखी हो, लेकिन यह समय आने पर फेल हो जाती है। चाऊपुर की मढ़ैया गांव के अग्निकांड में भी जिले की अधिकांश दमकल फेल हो गई। दमकलों और ग्रामीणों की आग बुझाने की हर कोशिश तेज हवा के चलते फेल हो गई। जब तक गांव के अधिकांश घर जलकर नष्ट हो गए तब तक अग्नि शांत नहीं हुई। जब घरों में जलने के लिए कुछ नहीं बचा तो आग का विकराल रूप कुछ शांत हुआ, लेकिन तब तक पूरा गांव बर्बाद हो चुका था। किसी का जेवर जल गया तो किसी अनाज और पशु जल गए। आग बुझाने के चक्कर में लगभग दस लोग गंभीर रूप से झुलस गए। गंगा के किनारे बसा चाऊपुर की मढ़ैया के अधिकांश लोग छप्परों के मकान में रह रहे थे। कुछ घरों को छोड़ दे तो सभी के घरों छप्पर पड़े हुए थे। रविवार की शाम गांव के अधिकांश लोग पशुओं को चारा डाल रहे थे तो कुछ दूध निकाल रहे थे। हर कोई अपने काम में लगा था। लोग जल्दी से काम निपटाकर खाना खाने की तैयारी कर रहे थे क्योंकि अधिकांश घरों में महिला खाना भी बना रही थी। अचानक मौसम खराब हुआ। गांव के पश्चिम दिशा में एक घूड़ में आग लग गई। मौसम खराब होने के बाद तेज हवा चली तो एक ¨चगारी राकेश घर जा गिरी। घर पर छप्पर पड़ा होने के चलते देखते ही देखते पूरा घर जलने लगा। इसके बाद राकेश घर से ¨चगारी निकली और लोग जब तक कुछ समझ पाते तब तक अधिकांश घरों पर ¨चगारी जा गिरी। ¨चगारी गिरते ही पूरा गांव आग का गोला बन गया। लोग पशुओं को खोल भी नहीं पाए और बच्चो व बुजुर्गों को लेकर गांव से बाहर भागने लगे। चाऊपुर की मढ़ैया गांव में आग लगने की सूचना आसपास के ग्रामीणों की लगी तो वह भी मौके पर पहुंच गए। लोग आग को बुझाने पर जुट गए। लोगों ने काफी पानी डाला, लेकिन तेज हवा के चलते आग पर पानी भी घी का ही काम कर रहा था। अग्निकांड के चलते गांव के अधिकांश घर जलकर नष्ट हो गए। आग बुझाने के चक्कर में लगभग दस लोग झुलस गए। लोगों की माने तो आग से किसी का जेवर जला है तो किसी के पशु ¨जदा जल गए और अनाज कई लोगों का जलकर नष्ट हो गया। इनके घरों में लगी आग
सम्भल: राकेश के घर में आग लगने के बाद भोजराज, राजवीर, सत्यराम, अमरपाल, बनवारी, रामवीर, बाबूराम, रमेश, पुष्पेंद्र, प्रेमपाल, भगवत, मोहन, नारायण, टीकाराम, हरि ¨सह, गोवरधन, राम ¨सह, सुंदर, मोहर ¨सह, रामस्वरूप, बनवारी समेत लगभग पचास घर पूरी तरह से जल गए है। कुछ घर ऐसे भी है। जिनका कुछ ही हिस्सा जला है। हालांकि नुकसान उनके घरों में भी हुआ है। प्रशासन चाहकर भी रविवार को नुकसान का आकलन नहीं कर पाएगा। हालांकि अभी तक प्रशासन को आग शांत करने पर लगा हुआ है। पहले बाढ़ और अब आग ने मचाई गांव तबाही
. आठ वर्ष पहले गांव में बाढ़ आने के चलते तबाह हो चुका गांव
जागरण संवाददाता, सम्भल: सम्भल जिले का चाऊपुर की मढ़ैया गांव बांध किनारे बसा है। आठ साल पहले आई बाढ़ में पूरा गांव में तबाह हो गया था और अब रविवार की शाम घूड़ से निकली एक ¨चगारी ने पूरे गांव को जलाकर खाक कर दिया। उस वक्त भी लोग बेघर हो गए थे और जैसे तैसे लोगों ने घर बनाकर ¨जदगी पटरी पर डाली और फिर आग ने दोबारा तबाही मचाकर लोगों को बर्बादी की कगार लाकर खड़ा कर दिया। अब फिर से लोगों के सामने दोबारा ¨जदगी पटरी पर लाने की गंभीर चुनौती खड़ी हो गई है।
बताते है कि वर्ष 2010 में बांधकर को तोड़कर गंगा नदी का पानी गांव में आ घुसा था। पूरा गांव पानी डूब गया था। उस समय भी लोग अपने घरों से सामान भी नहीं निकाल पाए थे। किसी तरह लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई थी। घर में रखा अनाज, वर्तन, कपड़े चारपाई पानी के साथ वह गए थे। इतना ही नहीं कुछ मकान भी गिर गए थे। गंगा का पानी कम हुआ तो फिर से लोगों ने अपने मकान बनाने शुरू किए। गांव के अधिकांश लोग उस तबाही के चलते पक्का मकान तो नहीं बना पाए थे, लेकिन कच्चे मकानों पर छप्पर डालकर किसी तरह अपनी को ¨जदगी को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। आठ वर्ष बाद फिर दैवीय आपदा गांव पर टूट पड़ी और घूड़ से निकली ¨चगारी ने पूरे गांव को जला दिया। पहले की तरफ फिर अधिकांश लोगों का अनाज, कपड़े, वर्तन चारपाई जल गई। बाढ़ के दौरान लोगों ने अपने पशु बचा लिए थे, लेकिन इस बार आग ने ऐसी तबाही मचाई की लोग अपने पशु भी नहीं बचा सके और फिर से गांव के लोग बर्बादी की कगार पर आकर खड़े हो गए। गांव के बाहर भूसा में लगी आग
सम्भल: पूरे गांव को तबाह करने के बाद भी अग्नि शांत नहीं हुई। गांव के अधिकांश घरों को जलाकर अग्नि खेतों तक पहुंच गई। बांधकर रखा गए भूसे ने आग पकड़ ली, और देखते ही देखते भूसा भी जलने लगा। इसके बाद दमकल भूसा में लगी आग को बुझाने जुट गई। कड़ी मशक्कत के बाद भूसा से आग पर काबू पाया गया तो एक छोर पर गांव में फिर से आग लग गई। गांव में फिर आग लगते देख दमकल गांव में जाकर आग बुझाने पर जुट गई।
कहा से भरेंगे लोग पेट, खत्म हो गया राशन
सम्भल: अभी गेहूं की फसल की कटाई लोग निपटे ही थे, गांवों नई गेहूं प्रत्येक घर में थी। सभी पूरे साल के लिए खाना लायक गेहूं तो घर में रख ली थी और जो अतिरिक्त थी उसे बेच दिया था, लेकिन रविवार को शाम लगी आग ने अधिकांश लोगों के गेहूं भी जला गए। अब लोगों के सामने पूरे साल खाना का संकट खड़ा हो गया। गेहूं न होने के चलते लोगों के सामने भारी संकट है। भूखा रह गया पूरा गांव, रोते रहे बच्चे
सम्भल: चाऊपुर की मढ़ैया में जिस समय आग लगी। उस समय अधिकांश घरों में खाना बनाने की तैयारी चल रही थी। अगर लोगों की माने तो किसी भी ग्रामीण ने उस समय तक खाना नहीं खाया था। क्योंकि लोग पशुओं का चारा डालने और दूध निकालने पर लगे हुए थे, लेकिन तभी आग लग गई। आग से गांव जल गया और रविवार की रात पूरा गांव में भूखा रहा। बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। किसी तरह बच्चों को चुपाने पर लगे हुए थे। प्रशासन द्वारा भी समाचार लिखे जाने तक खाना कोई इंतजाम नहीं किया गया था। कहा गए चार बच्चे, तलाश रहा है गांव
सम्भल: गांव में आग लगने के बाद भगदड़ मच गई। हर कोई आग से बचने के लिए इधर-उधर भाग रहा था। शुरू में तो अपने बच्चों का भी लोग ध्यान नहीं रख पाए, लेकिन जब आग शांत हुई तो पता चला कि चार बच्चे गायब है। गांव के ही हुकम ¨सह का बेटे अमित, महेंद्र का बेटा सतेंद्र, तोताराम की बेटी कबिता और सत्यराम का बेटा भी गायब था। इसके बाद बच्चों की काफी तलाश की गई, लेकिन समाचार लिखे जाने तक बच्चों का कुछ पता नहीं था। एक हजार की है आबादी, अधिकांश यादव बिरादरी के है लोग
सम्भल: गांव की आबादी लगभग एक हजार है। गांव में अधिकांश लोग यादव बिरादरी से है, लेकिन कुछ घर जाटव बिरादरी के है। बताया जाता है कि दोनों बिरादरी मिलजुल कर रहती है। दोनों बिरादारियों में विवाद भी नहीं होता हैं। अक्सर एक दूसरे काम आते है। रविवार को जब आग लगी तो दोनों बिरादरी के लोग बर्बाद हो गए।