हस्तशिल्प वर्चुअल ट्रेड फेयर से 320 करोड़ के आर्डर की उम्मीद
कोविड वैश्विक महामारी की वजह से वास्तविक मेले का आयोजन संभव नहीं हो सका तो पहली बार वर्चुअल मोड पर आइएचजीएफ दिल्ली मेले के 49वें संस्करण का आयोजन किया गया। ऐसी परिस्थिति से उबरने और चुनौती का सामना करने कि लिए हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने ये अपनी तरह का पहला और अनोखा प्रयोग किया है। इससे पूरे देश के हस्तशिल्प निर्यातकों को करीब 320 करोड़ तो सहारनपुर के वुडकार्विंग निर्यातकों को करीब 40 करोड़ के आर्डर मिलने की उम्मीद जगी है।
बृजमोहन मोगा, सहारनपुर ।
कोविड वैश्विक महामारी की वजह से वास्तविक मेले का आयोजन संभव नहीं हो सका तो पहली बार वर्चुअल मोड पर आइएचजीएफ दिल्ली मेले के 49वें संस्करण का आयोजन किया गया। ऐसी परिस्थिति से उबरने और चुनौती का सामना करने कि लिए हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) ने ये अपनी तरह का पहला और अनोखा प्रयोग किया है। इससे पूरे देश के हस्तशिल्प निर्यातकों को करीब 320 करोड़ तो सहारनपुर के वुडकार्विंग निर्यातकों को करीब 40 करोड़ के आर्डर मिलने की उम्मीद जगी है।
ईपीसीएच के चेयरमैन रवि. के. पासी ने बताया कि 13 से 19 जुलाई 2020 तक आयोजित इस मेले में देश के 1300 से ज्यादा निर्माताओं और निर्यातकों ने हिस्सा लिया। ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि 108 देशों के करीब 4150 ओवरसीज बायर्स, बाइंग एजेंट्स, डोमेस्टिक रिटेल वाल्यूम खरीदारों ने इस वर्चुअल मेले में हिस्सा लिया और अपनी घरेलू उत्पादों, होम डेकोर, लाइफ स्टाइल, फैशन, फर्नीचर और टेक्सटाइल की चीजों को खरीदने की इन्क्वायरी की। राकेश कुमार ने बताया कि दिल्ली मेले में हिस्सा लेने वाले हस्तशिल्प निर्यात समुदाय के लिए यह फायदेमंद रहा। वर्चुअल मोड पर आयोजित इस मेले ने समुदाय को राहत दी, क्योंकि मार्च 2020 के बाद से ही निर्यातक लगातार हो रहे लॉकडाउन और कारीगरों के पलायन की वजह से मायूस थे। ईपीसीएच द्वारा निर्मित इस वर्चुअल प्लेटफार्म ने इन निर्यातकों को अपने व्यवसाय को अपने घर या फैक्ट्रियों से ही एक सुरक्षित वातावरण में आगे बढ़ाने का मौका दिया। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आरके वर्मा ने बताया कि आइएचजीएफ दिल्ली फेयर के 49वें संस्करण को सफल बनाने में जिन एसोसिएट संगठनों ने अपनी भूमिका निभाई उन्हें अवार्डस दिए गये हैं।
वर्चुअल फेयर में सहारनपुर के दो दर्जन से अधिक निर्यातकों ने भागेदारी की थी। जिस तरह इंक्वायरी हुई है उससे सहारनपुर के वुडकार्विंग निर्यातकों को भी करीब आठ सौ आर्डर मिलने की उम्मीद है। आइआइए के चैप्टर चेयरमैन रविद्र मिगलानी का कहना है कि यह अच्छी पहल है। निर्यातक रामजी सुनेजा का कहना है कि विदेशों से आर्डर मिलने के बाद वुडकार्विंग उद्योग फिर से पटरी पर आ पाएगा।