51वें शिविर में 36 यूनिट रक्त एकत्रित
नकुड़ में सरकार के स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत गुरुवार को जय हिद सामाजिक के सहयोग से गांव जैनपुर में लगे 51वें शिविर 36 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया है।
सहारनपुर, जेएनएन। नकुड़ में सरकार के स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत गुरुवार को जय हिद सामाजिक के सहयोग से गांव जैनपुर में लगे 51वें शिविर 36 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया है।
गुरुवार को शिविर में संस्था को को-आर्डिनेटर आशीष शर्मा, आयोजक मास्टर संदीप चौधरी, सविदर प्रधान, महेंद्रसिंह चौधरी, मानसिंह वर्मा ने कहा कि रक्तदान से बड़ा कोई पुण्य कार्य नही है। शिविर में जिला अस्पताल से स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची थी। इस दौरान यतेंद्र, श्रीपाल, मोहित कुमार, जितेंद्र चौधरी, सुभाष गुप्ता आदि का सहयोग रहा।
चिलकाना: एकता जनसेवा समिति द्वारा आयोजित शिविर में 48 व्यक्तियों ने रक्तदान किया।
सुल्तानपुर के एक इंटर कालेज में शिविर लगाया गया, जहां उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी ओपी गुप्ता, संस्था के अध्यक्ष बालकृष्ण शर्मा, चेयरमैन अकबर कुरैशी, श्यामकुमार सैनी, व्यापार मंडल के अध्यक्ष यूसुफ कुरैशी, थाना प्रभारी राजेश भारती, आशू सैनी एवं ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आलोक तनेजा आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
दुकान में घुसे बारिश के पानी से हुआ नुकसान
छुटमलपुर: नगर पंचायत बनने के बाद भी कस्बे में वर्षा के जल की निकासी की उचित व्यवस्था नहीं हो सकी है। स्थिति यह हो गई है कि हल्की बारिश होने पर भी मुख्य मार्ग और गली मुहल्लों में जलभराव हो जाता है।
प्राचीन श्रीमनकामेश्वर महादेव शिव मंदिर परिसर में जलभराव की स्थिति उत्पन्न होना तो आम बात है। इतना ही नहीं दुकान में वर्षा का पानी भरने से एक बुक विक्रेता को भी भारी नुकसान हो चुका है।
एक वर्ष पूर्व स्थानीय ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाया गया था और नगर पंचायत बेहट के ईओ विरज त्रिपाठी को यहां का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था। वर्षा के पानी की निकासी को पहले से बने नालों की चौड़ाई कम होने के कारण वह पानी का दबाव नहीं झेल पाते है और वर्षा का पानी मुख्य मार्गो व गली मुहल्लों में जमा होकर लोगों की परेशानी का सबब बनता है। अधिक वर्षा होने पर नाले से निकल कर सड़कों पर आने वाला पानी कई बार लोगों के घरों और दुकानों में तक में भर जाता है, जिससे लोगों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ता है। श्रीमनकामेश्वर महादेव शिव मंदिर परिसर में जलभराव की स्थिति हो जाती है।
इस संबंध में ईओ विरज त्रिपाठी से बात करने का प्रयास किया गया। लेकिन उनका फोन रिसीव नहीं हुआ है।