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बुखार से बालक समेत दो की मौत

बहेड़ा संदलसिंह में जानलेवा बुखार का प्रकोप बेकाबू हो चला है। स्वास्थ्य विभाग की तमाम जद्दोजहद के बावजूद बुखार से होने वाली मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। गुरुवार को भी

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 10:58 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 10:58 PM (IST)
बुखार से बालक समेत दो की मौत
बुखार से बालक समेत दो की मौत

सहारनपुर जेएनएन। बहेड़ा संदलसिंह में स्वास्थ्य विभाग की जद्दोजहद के बावजूद बुखार से लगातार मौत हो रही हैं। गुरुवार को भी उपचाराधीन बालक समेत दो की मौत हो गई। गांव में चल रहे स्वास्थ्य शिविर में पहुंचे एक युवक को गंभीर हालत के चलते जिला अस्पताल भेजा गया है। पिछले तीन दिनों में चार मौतें होने से गांव में हड़कंप मचा है। बुखार से मरने वालों की संख्या 12 हो गई है। कई परिवार गांव से पलायन भी कर चुके है।

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गुरुवार को बहेड़ा संदलसिंह निवासी नाजिम के 13 वर्षीय पुत्र फैयान की बुखार से मौत हो गई। वह तीन दिन पहले अपने मामा के यहां गया था। बुधवार को उसे सहारनपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार को उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। गुरुवार को ही प्रेम सिंह के 30 वर्षीय पुत्र अर्जुन ने भी अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं, बुधवार को 28 वर्षीय महताब की और मंगलवार को तीस वर्षीय अशरफ की मौत हो गई थी। गांव में तीन दिनों में चार मौतें होने से लोग दहशत में है। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव में कैंप लगाकर पीड़ितों का उपचार किया जा रहा है। लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर होती नजर आ रही है। गुरुवार को गांव में चल रहे कैंप में पहुंचे समीर नाम के बालक को नाजुक हालत के चलते जिला अस्पताल रेफर किया गया है।

पलायन की तैयारी में ग्रामीण

बुखार के बढ़ते प्रकोप से सहमे कई परिवार गांव छोड़कर चले गए हैं और शहरों में रह रहे है। देवेंद्र राणा का परिवार सहारनपुर में और रविद्र रोहिला का परिवार पिछले कई दिनों से बागपत में रह रहा है। ग्रामीणों की मानें तो अभी कई परिवार गांव से पलायन की तैयारी में है।

गुमराह कर रहा स्वास्थ्य विभाग

गांव के बुजुर्ग पूर्व प्रधान ठा. गिरवर सिंह राणा बताते है कि उन्होंने अपने जीवन में ऐसा मंजर कभी नहीं देखा। हर घर में बुखार का रोगी है और लगातार हो रही मौतों से चारों तरफ मातम पसरा है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप भी लगाया। उधर ग्रामीणों का कहना है की प्राइवेट लैब की रिपोर्ट में कइयों को डेंगू की पुष्टि हो चुकी है और स्वास्थ्य विभाग इन रिपोर्टों को अविश्वसनीय बताकर गुमराह कर रहा है।

गलत दवाओं से हो रही मौत

मुजफ्फराबाद पीएचसी प्रभारी मीनू गोयल का कहना है कि बुखार का प्रकोप क्यों बढ़ रहा है। इसके लिए डोर टू डोर सर्वे कराया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग गांव में एक पखवाड़े से लगातार कैंप लगाकर पीड़ितों का इलाज कर रहा है। एंटी लार्वा का स्प्रे और सफाई कार्य भी किया जा रहा है। तीन दिन में चार मौतें होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अधिकांश रोगी झोलाछाप से इलाज करा रहे है और वह गलत दवाएं दे रहे हैं। जिससे मौतें हो रही है।


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