चंद्रशेखर रावण के दोनों साथी भी चुपचाप जेल से रिहा, पुलिस ने घर पहुंचाया
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर रावण के बाद उसके दो साथियों को भी आज जेल से रिहा कर दिया गया। रिहा करने के बाद उनको उनके घर तक छोड़ा गया।
सहारनपुर (जेएनएन)। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में जातीय हिंसा के मामले में करीब डेढ़ वर्ष तक जेल में बंद रहे भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर रावण के बाद उसके दो साथियों को भी आज जेल से रिहा कर दिया गया। रिहा करने के बाद उनको उनके घर तक छोड़ा गया।
चंद्रशेखर रावण के साथ उनके दो साथियों पर भी रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी। सहारनपुर जेल में बंद चंद्रशेखर रावण को देर रात 2:30 बजे जेल से बाहर किया गया। इसके बाद आज सुबह उसके दो साथियों को गुपचुप तरीके से छोड़कर उनके घर भेजा गया। चंद्रशेखर रावण के साथ उसके दो साथी ग्राम प्रधान शिवकुमार व सोनू भी रासुका के तहत सहारनपुर जेल में बंद थे। इनको आज गुपचुप तरीके से पुलिस ने सुबह 6:30 बजे जेल से निकालकर घर पहुंचा दिया।
सहारनपुर जेल में जातीय हिंसा के मामले में करीब डेढ़ साल से बंद भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण के तेवर जेल से रिहाई के बाद भी बेहद तलख है। तड़के करीब 3:30 बजे पुलिस सुरक्षा में घर पहुंचे रावण का भीम आर्मी के सदस्यों ने गगन भेदी नारों के बीच भव्य स्वागत किया। रावण ने रासुका में समय से पूर्व उसकी रिहाई का आदेश जारी करने वाली भाजपा सरकार को सीधे निशाने पर रखा और कहा कि भीम आर्मी 2019 के लोकसभा चुनाव में केंद्र की दलित एवम गरीब विरोधी भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेगी। जरुरत पड़ी तो साथियों से मंथन के बाद गठबंधन का सहयोग किया जायेगा।
उन्होंने अपनी समयपूर्व रिहाई को कार्यकर्ताओं के संघर्ष का नतीजा और इंसाफ की जीत बताया। शासन प्रशासन पर सरकार के इशारे पर झूठा फंसाने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब केंद्र व प्रदेश की सत्ता पर काबिज भाजपा को सबक सिखाने का काम किया जायेगा।
रावण ने कहा कि आर्मी की किसी जाती या वर्ग से कोई दुश्मनी नहीं है। आर्मी दलित पिछड़े और गरीबों पर जुल्म-ज्यादती करने वालों के खिलाफ है। दलित, गरीबों व पिछड़ों को उनका हक तथा इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष कर रही है।