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'मुस्लिम महिलाओं के हितों की रक्षा करेगा तीन तलाक कानून'

सहारनपुर: सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता व तीन तलाक मामले की याचिकाकर्ता फराह फैज ने कहा कि

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 10:44 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 10:44 PM (IST)
'मुस्लिम महिलाओं के हितों की रक्षा करेगा तीन तलाक कानून'
'मुस्लिम महिलाओं के हितों की रक्षा करेगा तीन तलाक कानून'

सहारनपुर: सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता व तीन तलाक मामले की याचिकाकर्ता फराह फैज ने कहा कि तीन तलाक कानून मुस्लिम महिलाओं का शोषण रोकेगा और उनके हितों की रक्षा करेगा।

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गुरुवार को एक होटल में पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में उल्टे-सीधे फतवों से टूट रहे परिवारों को बचाने में यह कानून सहायक साबित होगा। अल्लाह की शरीयत के अमल का रास्ता खुलेगा और मौलानाओं की शरीयत (आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के फैमिली एक्ट द्वारा शरई अदालतों के जरिए जबरन मुसलमानों पर थोपी जा रही पाबंदियां) पर लगाम लगेगी। उन्होंने कहा कि यदि अल्लाह की शरीयत के मुताबिक, पति तलाक दे दे और बाद में पति-पत्नी के बीच सहमति बन जाए तो यह एक्ट बिना निकाह-हलाला के शादीशुदा ¨जदगी गुजारने व बच्चों के भरण पोषण का प्रावधान भी सुनिश्चित करता है।

उन्होंने कहा कि इस कानून को लेकर मौलानाओं का नजरिया आज भी पुराना है। शिक्षा के अभाव में मुस्लिम समाज भी फतवों पर आंख बंद करके यकीन कर लेता है। यह कानून मौलानाओं को अपनी हरकतों से बाज आने और शरीयत की राह पर चलने का भी संदेश देगा। इस तरह के फैसलों को लेकर दारुल उलूम, देवबंद को भी एक संदेश जाएगा।

अधिवक्ता ने कहा कि अल्लाह की शरीयत में तीन तलाक पर 30 कोड़े मारने की सजा का प्रावधान है। यदि वह इस मसले को कांग्रेस सरकार में उठातीं तो मौलाना इतना विरोध नहीं करते। अब भाजपा की सरकार है तो भाजपा का एजेंट बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आरएसएस ने हमेशा समाज में खाई खोदी लेकिन संघ प्रमुख मोहन भागवत का कहना है कि मुसलमानों के बिना ¨हदुत्व नहीं है। हक-मेहर के सवाल पर कहा कि इसकी राशि काफी कम होती है, जिससे महिला का गुजारा नहीं हो सकता। इसके लिए सख्त कानून जरूरत है।


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