'हमारा तो घर उजड़ गया, अब क्या होगा परिवार का, कौन पालेगा बच्चों को'
सहारनपुर के गांव मदनूकी में पेड़ काटने आए चार व्यक्ति हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गए। जिसमें तीन लोगों की करंट लगने से मौके पर ही मौत हो गईं। तीनों परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहद दयनीय है। स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
सहारनपुर, जेएनएन। विद्युत विभाग की लापरवाही से शनिवार को तीन घर उजड़ गए। तीनों परिवारों की स्थिति बेहद दयनीय है। स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। रोते समय उनके मुंह से यहीं निकल रहा है कि हमारा तो घर उजड़ गया। अब क्या होगा परिवार का। कौन कमाकर बच्चों को पालेगा। जब कमाने वाला ही चला गया।
मृतकों में दो की शादी हो चुकी थी शादी
मृतकों में दो की शादी हो चुकी थी। दोनों को तीन-तीन बच्चे हैं। जबकि अजय अविवाहित था, लेकिन पूरा परिवार अजय पर ही निर्भर था। अजय के पिता ऋषिपाल सब्जी बेचते हैं। जिससे घर का खर्च तक नहीं चलता। अजय वैन चलाता था। उसी से घर का खर्च चलता था। यह है मृतकों के परिवार की स्थिति फतेहपुर खेड़ी निवासी अजय अविवाहिता है। उसका पिता ऋषिपाल सब्जी की दुकान करता है। अब अजय को एक भाई रह गया है। इसी पर अब घर की जिम्मेदारी आ गई है। इसी तरह से सद्दाम दो भाइयों और एक बहन में सबसे छोटा था। सद्दाम को तीन बच्चे हैं। सद्दाम पर अपने तीन बच्चों और पत्नी के अलावा मां-बाप की भी जिम्मेदारी थी। ऐसे ही नौशाद तीन भाइयों और एक बहन में सबसे बड़ा था। नौशाद को भी तीन बच्चे हैं। नौशाद पर भाइयों और बहन के अलावा अपने बच्चों की जिम्मेदारी थी। नौशाद की पत्नी सनव्वर और मां इसरत का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार बेहोश हो रही है।
15 दिन के बाद गए थे काम पर
पिछले कई दिनों से मृतकों को मजदूरी नहीं मिल रही थी। जिस कारण वह परेशान चल रहे थे। शनिवार को उनके पास एक लकड़ी ठेकेदार का फोन आया और काम पर बुलाया। अजय पेड़ काटने का काम नहीं करता था। वह तो वैन चलाता था। बाकी तीनों युवक पेड़ काटने का काम करते थे। तीनों युवक अजय की वैन को बुक करके ले गए थे। अजय को क्या पता था कि वह भी हादसे का शिकार हो जाएगा।