घोषणा के बाद भी सीएए को लेकर नहीं हुआ जमीयत का धरना कार्यक्रम
देवबंद में घोषणा के बाद भी सीएए के खिलाफ गुरुवार को ईदगाह मैदान में होने वाला जमीयत उलमा-ए-हिद (महमूद मदनी गुट) का धरना और गिरफ्तारी का कार्यक्रम नहीं हो पाया।
सहारनपुर, जेएनएन। देवबंद में घोषणा के बाद भी सीएए के खिलाफ गुरुवार को ईदगाह मैदान में होने वाला जमीयत उलमा-ए-हिद (महमूद मदनी गुट) का धरना और गिरफ्तारी का कार्यक्रम नहीं हो पाया। इसे लेकर जमीयत के पदाधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे है। हालांकि धरने को लेकर प्रशासन अलर्ट रहा और प्रशासनिक अधिकारी ईदगाह मैदान में ही दिनभर डेरा डाले रहे।
जमीयत उलमा-ए-हिद द्वारा गत मंगलवार को सीएए के विरोध में देवबंद के ईदगाह मैदान में धरना दिया गया था। जिसमें जमीयत के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने केंद्र और सरकार के खिलाफ जमकर भाषणबाजी की थी। धरने के बाद 313 लोगों द्वारा गिरफ्तारी भी दी गई थी। साथ ही गुरुवार को भी इसी तरह का धरना कार्यक्रम आयोजित किए जाने का भी एलान किया गया था। घोषणा के अनुरूप प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद बना हुआ था। एडीएम-एफ विनोद कुमार समेत अन्य अधिकारी व खुफिया विभाग ईदगाह मैदान पर नजर बनाए हुए थे। हालांकि दोपहर के समय कुछ लोगों द्वारा ईदगाह मैदान में देश का और जमीयत का झंडा तो लगा दिया गया लेकिन तीन बजे तक जमीयत का कोई भी पदाधिकारी धरना स्थल पर नहीं पहुंचा। बाद में शाम तक भी जमीयत का कार्यक्रम नहीं होने के चलते प्रशासन ने राहत की सांस ली। इसके इतर जमीयत का कोई भी पदाधिकारी यह बताने को तैयार नहीं है कि धरना किन कारणों से स्थगित किया गया है। जमीयत के जिला महासचिव जहीन मदनी एवं नगर सचिव उमैर उस्मानी समेत राष्ट्रीय सचिव हकीमउद्दीन को जब-जब फोन किया गया तो उन्होंने कार्यक्रम के स्थगित होने के कारण को बताना उचित नहीं समझा।
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चर्चा में रहा
देवबंद : बताया जाता है कि जमीयत के कुछ पदाधिकारी ईदगाह मैदान से कुछ दूर एक स्थान पर बैठे रहे। यह भी बताया जाता है कि जमीयत की देवबंद यूनिट द्वारा 250 लोगों के नाम गिरफ्तारी के लिए लिखवा भी दिए गए थे। चर्चा है कि इनमें से करीब 100 लोगों ने अपने नाम गिरफ्तार होने वाले लोगों की सूची में से कटवा दिए। जिसके चलते कार्यक्रम स्थगित करना पड़ा। वहीं, गुरुवार को ईदगाह मैदान में जमीयत का कार्यक्रम न होना लोगों में चर्चा का सबब बना रहा।
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धरने को लेकर डीएम ने दिखाए थे तल्ख तेवर
जमीयत द्वारा मंगलवार को आयोजित किए गए धरने को लेकर डीएम आलोक कुमार पांडेय ने तल्ख तेवर दिखाते हुए इसे गैर कानूनी बताया था। माना जा रहा है कि डीएम के इस तेवर के बाद ही अब जमीयत कार्यकर्ता दूसरी रणनीति पर विचार-विमर्श कर रहे है।