भाईचारे का निशान : शांतिदूतों ने कदम बढ़ाया तो निकला विवाद का हल Saharnapur News
सिख और मुस्लिम समाज के लोगों ने शांतिपूर्ण ढंग से छह साल से चल रहे पुराने विवाद का निपटरा कर लिया है। जो आपसी समझदारी का परिचायक बना।
सहारनपुर, जेएनएन। धार्मिक स्थल पर छह साल पुराने एक विवाद का सिख और मुस्लिम समाज के लोगों ने शांतिपूर्ण ढंग से निपटारा कर लिया। डीएम, एसएसपी व सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में एतिहासिक समझौते पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर कर सौहार्द का बड़ा संदेश भी दिया। इसके बाद बोले सो निहाल..सत् श्री अकाल के उद्घोष के बीच निर्माणाधीन गुरुद्वारा स्थल पर गुरुवाणी व अरदास के साथ निशान साहब की स्थापना कर दी गई।
यह था मामला
वर्ष-2014 में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के बराबर वाली भूमि पर नवीन भवन का निर्माण कराया जा रहा था। भूमि के एक हिस्से पर मुस्लिम पक्षकार द्वारा मस्जिद होने का दावा किया गया। इसी मुद्दे को लेकर कुछ लोगों की नासमझी ने 26 जुलाई 2014 को शहर में दंगा करा दिया, जिसमें तीन लोगों की जान गई थी। करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था। करीब 15 दिन तक शहर के लोगों को कफ्यरू ङोलना पड़ा था।
ऐसे हुआ निस्तारण
बुधवार शाम गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा में इस मसले को लेकर डीएम, एसएसपी की मौजूदगी में वार्ता हुई। गुरुद्वारा पदाधिकारियों और मुस्लिम पक्षकार पूर्व सभासद मोहर्रम अली पप्पू ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते के मुताबिक, सिख समाज द्वारा मुस्लिम पक्ष को रहमानी चौक के पास 200 वर्गगज के प्लाट के लिए धनराशि का चेक मोहर्रम अली पप्पू को सौंपा गया। डीएम आलोक कुमार पांडेय ने दोनों पक्षों का शुक्रिया किया। कहा कि दिल्ली में हुए झगड़े में 13-14 मौतें हो चुकी हैं, लेकिन सहारनपुर ने शांति की नजीर पेश की है। शांति का यह संदेश पूरी दुनिया में जाना चाहिए। एसएसपी दिनेश कुमार पी ने कहा कि कहा कि दोनों पक्षों ने काबिल-ए-तारीफ काम किया है। यह समझौता ईश्वर के घर में हो रहा है। उदारवादी बनकर एक दूसरे की इज्जत करनी चाहिए। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के प्रधान जसबीर सिंह बग्गा व पूर्व सभासद मोहर्रम अली पप्पू ने कहा कि समझौते में डीएम आलोक कुमार पांडेय, एसएसपी दिनेश कुमार पी तथा रजिस्ट्रार पारसनाथ गुप्ता की अहम भूमिका रही है। उन्हीं के मार्गदर्शन से यह कामयाबी मिली।
यह बने ऐतिहासिक शांति समझौते के साक्षी
गुरुद्वारा भूमि विवाद के समाप्त होने पर ऐतिहासिक शांति समझौते के दौरान सिख व मुस्लिम समाज के लोगों के बीच खासा उल्लास था। सिंह सभा के प्रधान स.जसबीर सिंह बग्गा, स.हरेंद्र सिंह चड्ढ़ा, स.गुरप्रीत सिंह बग्गा, पूर्व सभासद मोहर्रम अली पप्पू, नूर अली, हाजी कमरूज्जमा, एमपी सिंह चावला, स.बलबीर सिंह धीर, राजकुमार राजू, रणधीर सिंह, गुर¨वद्र सिंह कालड़ा, विक्रम सिंह जोशी, अमनप्रीत सिंह, इंद्रजीत सिंह खालसा, स.हरभूपेंद्र सिंह, आइपी सिंह , इंद्रजीत सिंह गुरकृपा, इंद्रप्रीत सिंह चड्ढ़ा, तजिंद्र सिंह डंग, सुरेंद्र मोहन सिंह चावला, इकबाल सिंह चावला, दीदार सिंह सेठी, गुरमेहर सिंह, तरनजीत सन्नी, हरजीत बतरा, अजित सिंह डंग, जसबीर सिंह कालड़ा, प्रीतम सिंह जत्थेदार, हैप्पी डंग, अमन मदान, सूरजपाल सिंह ¨पकी, गुरशरण पाल सिंह, राजपाल सिंह, र¨वद्र सिंह, राजेंद्र सिंह कोहली आदि मौजूद थे।