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80 वर्षीया मगन देवी के हौंसले से अनवरत बने मास्क

पति की कोरोना लाकडाउन के दौरान कैंसर से मौत होने बाद भी 80 वर्षीया मगन देवी ने हौसला नहीं छोड़ा। दुख की घड़ी में कोरोना योद्धाओं को घर पर मास्क बनाकर निश्शुल्क बांटे। तीन माह के दौरान करीब 4300 मास्क बनाए। हर रविवार फूड बैंक पर पहुंचकर गरीबों को बेटे के साथ भोजन का वितरण करती हैं। उनका कहना है कि पूरे परिवार ने उनके काम में भरपूर सहयोग दिया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 10:46 PM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 10:46 PM (IST)
80 वर्षीया मगन देवी के हौंसले से अनवरत बने मास्क
80 वर्षीया मगन देवी के हौंसले से अनवरत बने मास्क

सहारनपुर जेएनएन। पति की कोरोना लाकडाउन के दौरान कैंसर से मौत होने बाद भी 80 वर्षीया मगन देवी ने हौसला नहीं छोड़ा। दुख की घड़ी में कोरोना योद्धाओं को घर पर मास्क बनाकर निश्शुल्क बांटे। तीन माह के दौरान करीब 4300 मास्क बनाए। हर रविवार फूड बैंक पर पहुंचकर गरीबों को बेटे के साथ भोजन का वितरण करती हैं। उनका कहना है कि पूरे परिवार ने उनके काम में भरपूर सहयोग दिया।

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महानगर की भगवती कालोनी निवासी 80 वर्षीया मगन देवी के पति की दो अप्रैल को कैंसर से मृत्यु हो गई थी, उस समय कोरोना लाकडाउन चल रहा था। मगन देवी, पति की मृत्यु से भी ज्यादा इस बात से परेशान थी कि उनके पति की अंत्येष्टि में कोरोना के कारण उनके दो बेटे भी नहीं आ पाए थे। ऐसे में जब हर तरफ मास्क को लेकर मांग बढ़ी तो मगन देवी ने अपनी सिलाई मशीन निकाली और घर पर रखी नई चादरें काटकर डाक्टरी की पढ़ाई कर रही पौत्री से नेट के माध्यम से मास्क बनाना सीखा। एक के बाद नई चादर से तीन माह के दौरान लगभग 4300 मास्क बनाए। लगभग छह घंटे मशीन चलाई। बेटे अजय सिघल और उनके मित्र संदीप शर्मा जो कोरोना वालंटियर के रूप में महानगर के गरीबों को भोजन करा रहे थे, उन्हें मास्क देकर कोरोना योद्धाओं तक पहुचाएं। इसके पश्चात कुछ लोगों के सहयोग से बनाए मास्क पर लास्टिक लगाने का कार्य किया। सफाई कर्मी योद्धाओं को घर से ही मास्क बांटे। अपने इस सिलसिले को वे आज भी जारी रखे हैं। पहले आसान मास्क से शुरू करके आज वह उड़ान के छात्रों के लिए लेटेस्ट डि•ाइन के मास्क बना रही हैं। कोरोना में गरीबों को भोजन करने के लिए बने कोर्ट रोड पर बने ़फूड बैंक पर हर रविवार के दिन जाकर बेटे अजय सिघल के साथ भोजन बांटती हैं।


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