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रोजे में रखें सेहत का ख्याल, रोग प्रतिरोधक क्षमता रखें मजबूत, लें पौष्टिक आहार Saharnpur News

रमजान महीने में कोरोना से बाजार और आम जनजीवन को बहुत प्रभावित किया है। डाक्‍टरों का कहना है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक भोजन करना जरूरी है।

By Taruna TayalEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 11:22 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 11:22 PM (IST)
रोजे में रखें सेहत का ख्याल, रोग प्रतिरोधक क्षमता रखें मजबूत, लें पौष्टिक आहार Saharnpur News
रोजे में रखें सेहत का ख्याल, रोग प्रतिरोधक क्षमता रखें मजबूत, लें पौष्टिक आहार Saharnpur News

सहारनपुर, [मोईन सिद्दीकी]। कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच शुरू हुए माह-ए-रमजान में सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी है। डाक्टरों का कहना है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पौष्टिक भोजन जरूरी है। खानपान को लेकर सजग रहें।

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ब्लड प्रेशर और शुगर के रोगी बरतें एहतियात

चिकित्सक डा. शमीम अंसारी कहते है कि खट्टे फल, हरी सब्जियां इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक हंै। ब्लड प्रेशर और शुगर के रोगियों को नियमित दवा और ड़ाक्टरी सलाह लेनी चाहिए। मधुमेह रोगियों के लिए सहरी करना बहुत जरूरी है। सहरी में मल्टीग्रेन, ओट्स, दलिया, फल और हरे सलाद का अधिक इस्तेमाल करें। ब्लड प्रेशर के रोगियों को इफ्तार में कम नमक वाले खाद्य पदार्थ लेने चाहिए।

ऐसे बढ़ाएं इम्यूनिटी

चिकित्सकों के मुताबिक विटामिन सी के लिए रोजाना खट्टे फल संतरे और अंगूर आदि का जबकि विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई और फाइबर के लिए हरी सब्जियों का प्रयोग करें। ब्लड प्रेशर सामान्य करने और धमनियों को सख्त होने से रोकने के लिए लहसुन और संक्रमण से लडऩे के लिए हल्दी का प्रयोग करें। खांसी, गले में खराश और सूजन में अदरक प्रभावी है।

तला-भुना खाने से करें परहेज

मधुमेह व अन्य रोगी तला भुना खाने से परहेज करें। उबला चना, फल, सब्जियों का सलाद, बादाम और अखरोट आदि का सेवन कर सकते है। खजूर से शरीर को तेजी से ऊर्जा मिलती है, लिहाजा इसका प्रयोग लाभदायक है। रेशे युक्त फल जूस, हरी सब्जियों का सलाद, दलिया, दूध लेना चाहिए।

ये लक्षण दिखें तो डाक्टर की सलाह लें

यदि रोजे में अचानक तेजी से पसीना आए, दिल की धड़कन तेज हो, घबराहट, बेचैनी या अचानक चक्कर आने, बेहोशी, भूख न लगने और अचानक जी घबराने की शिकायत हो तो तुरंत चिकित्सक को दिखाएं। सेहरी से पहले, सेहरी के कुछ घंटे बाद, दोपहर में, इफ्तार से दो घंटे पहले और इफ्तार के बाद शुगर की जांच करानी चाहिए। अगर शुगर लेवल नॉर्मल से कम हो तो तुरंत रोजेदार डाक्टर से परामर्श करें। 


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