जिले में स्वाइन फ्लू का संदिग्ध केस, भेजा भिजवाया
सहारनपुर: जनपद में स्वाइन फ्लू का संदिग्ध मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। शेखुल ¨हद मौलाना
सहारनपुर: जनपद में स्वाइन फ्लू का संदिग्ध मरीज मिलने से हड़कंप मच गया है। शेखुल ¨हद मौलाना महमूद हसन मेडिकल कॉलेज से जब मरीज नहीं संभला तो हायर सेंटर रेफर कर दिया। मंगलवार को जिला अस्पताल से पहुंची टीम ने नमूना लेकर जांच के लिए सैंपल को मेरठ मेडिकल कॉलेज भेजा है।
सरसावा के गांव सौराना की रहने वाली महिला पिछले महीने पारिवारिक सदस्यों के साथ रामेश्वरम गई थी। 15 दिन वहां रहने के बाद छह जनवरी को घर लौटी। घर लौटने के बाद अचानक उन्हें बुखार चढ़ गया। पहले तो मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खाई, मगर जब आराम नहीं पड़ा तो परिजनों ने उन्हें शेखुल ¨हद मौलाना महमूद हसन मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दिया। दो दिन तक वहां भर्ती रखा, लेकिन जब वहां के चिकित्सक को मर्ज समझ नहीं आया तो हायर सेंटर रेफर कर दिया। इसके बाद परिजनों ने महिला को दिल्ली रोड स्थित प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करा दिया। वहां इलाज शुरू हुआ तो, बुखार व अन्य लक्षण देख कर स्वाइन-फ्लू होने का शक जताया गया। महिला के रिश्तेदार ने इस बाबत जिला अस्पताल से संपर्क किया तो जिला मलेरिया अधिकारी शिवांका गौड़ के नेतृत्व में टीम प्राइवेट अस्पताल पहुंच गई। शिवांका गौड़ ने बताया कि महिला का नमूना लेकर जांच के लिए मेरठ मेडिकल कॉलेज भेज दिया है, रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा कि महिला को स्वाइन-फ्लू है या नहीं। स्वाइन फ्लू से बचाव को क्या करें
-भीड़ से बचें, बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।
-बीमारी के लक्षण जैसे बुखार, सर्दी जुकाम, खांसी, बदन दर्द, आदि होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल में संपर्क करें।
-एक दूसरे के मुंह की तरफ छींकने, खांसने से बचें, नाक मुंह पर कपड़ा व टिशू पेपर रखकर छींकने एवं खांसने की आदत डालें।
-कपड़े को अच्छी तरह से धोयें एवं धूप में सुखाएं दूसरे कपड़ों से अलग रखें,
-फ्लू होने की स्थिति में घर पर आराम करें तथा चिकित्सक से संपर्क करें। क्या न करें
-जहां तक संभव हो भीड़-भाड़ वाले स्थानों जैसे मॉल, सिनेमा घर, पार्क, रेलवे स्टेशन, मेले, पार्टी, होटल, आदि में न जाएं। अनावश्यक यात्रा न करें। किसी पाजिटिव रोगी के संपर्क में आने से बचें।
-किसी भी व्यक्ति जिसे जुकाम, खांसी, बुखार हो बिना मास्क या रूमाल के उसके करीब न जायें।
-डाक्टर की सलाह के बिना टेमीफ्लू दवाई न खायें वरना रेजिस्टेंस पैदा हो सकती है। यदि बच्चे में खांसी जुकाम हो तो बच्चे को सात दिन स्कूल न भेजें तथा चिकित्सक से संपर्क करें।