तालाब में डूब रहे भाई को बचाने के लिए पहुंची बहन भी डूबी, दोनों की मौत
सहारनपुर के नानौता में एक हृदय विदारक घटना में भाई और बहन ही तालाब में डूबने से मौत हो गई। बहन भाई को बचाने के लिए तालाब में उतरी थी।
By Ashu SinghEdited By: Published: Wed, 22 May 2019 01:06 PM (IST)Updated: Wed, 22 May 2019 01:06 PM (IST)
सहारनपुर,जेएनएन। नानौता में बुधवार को एक हृदय विदारक घटना में भाई और बहन ही तालाब में डूबने से मौत हो गई। घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया। वहीं इस घटना से गांव में मातम छा गया।
भाई को बचाने के लिए पहुंची थी बहन
बुधवार को गांव तिलफरा निवासी किसान सुरेंद्र के दो बच्चे 10 वर्षीय बेटा वंश व 14 वर्षीय पुत्री हिमांशी गांव के ही एक तालाब में मवेशियों को पानी पिलाने गए थे,तालाब से मवेशी को निकालते समय वंश अचानक गहरे पानी में पहुंचकर डूबने लगा तो भाई को छटपटाते देख किनारे पर खड़ी बहन हिमांशी शोर मचाती हुई उसको बचाने के लिए तालाब में ही जा घुसी लेकिन पानी गहरा होने की वजह से दोनों बहन भाई तालाब में ही समा गए।
दर्जनों लोग बच्चों को बचाने के लिए तालाब में उतरे
जैसे ही इस दृश्य को तालाब के किनारे खड़े एक अन्य बालक ने देखा तो उसने शोर मचा दिया,शोर मचाए जाने पर आसपास खेतों में काम कर रहे दर्जनों लोग बच्चों को बचाने के लिए तालाब में उतर गए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। ग्रामीणों द्वारा दोनों बच्चों को मृत अवस्था में तालाब से बाहर निकाला गया।
परिजन बेहद गमजदा
जैसे ही यह हृदय विदारक घटना परिजनों को मिली तो कोहराम मच गया। वशं गांव के ही स्कूल में कक्षा चार में पढ़ता था और हिमांशी पास के गांव ही एक इंटर कॉलेज में कक्षा 9 की छात्रा थी। इनके पिता सुरेंद्र मध्यमवर्गीय किसान हैं,उनके तीन बच्चे हैं जिनमें वंश और हिमांशी जबकि तीसरी बच्ची आंचल इस सदमे में बेहोशी की हालत में है। परिवार के अन्य सदस्य भी इस घटना से गमजदा हैं।
भाई को बचाने के लिए पहुंची थी बहन
बुधवार को गांव तिलफरा निवासी किसान सुरेंद्र के दो बच्चे 10 वर्षीय बेटा वंश व 14 वर्षीय पुत्री हिमांशी गांव के ही एक तालाब में मवेशियों को पानी पिलाने गए थे,तालाब से मवेशी को निकालते समय वंश अचानक गहरे पानी में पहुंचकर डूबने लगा तो भाई को छटपटाते देख किनारे पर खड़ी बहन हिमांशी शोर मचाती हुई उसको बचाने के लिए तालाब में ही जा घुसी लेकिन पानी गहरा होने की वजह से दोनों बहन भाई तालाब में ही समा गए।
दर्जनों लोग बच्चों को बचाने के लिए तालाब में उतरे
जैसे ही इस दृश्य को तालाब के किनारे खड़े एक अन्य बालक ने देखा तो उसने शोर मचा दिया,शोर मचाए जाने पर आसपास खेतों में काम कर रहे दर्जनों लोग बच्चों को बचाने के लिए तालाब में उतर गए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। ग्रामीणों द्वारा दोनों बच्चों को मृत अवस्था में तालाब से बाहर निकाला गया।
परिजन बेहद गमजदा
जैसे ही यह हृदय विदारक घटना परिजनों को मिली तो कोहराम मच गया। वशं गांव के ही स्कूल में कक्षा चार में पढ़ता था और हिमांशी पास के गांव ही एक इंटर कॉलेज में कक्षा 9 की छात्रा थी। इनके पिता सुरेंद्र मध्यमवर्गीय किसान हैं,उनके तीन बच्चे हैं जिनमें वंश और हिमांशी जबकि तीसरी बच्ची आंचल इस सदमे में बेहोशी की हालत में है। परिवार के अन्य सदस्य भी इस घटना से गमजदा हैं।
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