दारुल उलूम इस्लामी दुनिया का अजीम सरमाया: शेख जमाल मोहम्मद
सऊदी अरब स्थित मक्का मुकर्रमा व मदीना मुनव्वरा के दो सदस्यों ने देवबंद में दारुल उलूम का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी से मुलाकात की। उन्होंने दारुल उलूम देवबंद को मिल्लते इस्लामिया का अजीम मरकज करार दिया।
सहारनपुर, जेएनएन। सऊदी अरब स्थित मक्का मुकर्रमा व मदीना मुनव्वरा के दो सदस्यों ने देवबंद में दारुल उलूम का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी से मुलाकात की। उन्होंने दारुल उलूम देवबंद को मिल्लते इस्लामिया का अजीम मरकज करार दिया।
हरम ए मक्की के राबता ए आम्मा विभाग के डायरेक्टर शेख जमाल मोहम्मद यूसुफ मदनी और मस्जिद नबवी (मदीना, सऊदी अरब) के पदाधिकारी शेख वलीद बिन सईद अबाबुसह मंगलवार की देर शाम दारुल उलूम देवबंद पहुंचे, जहां पर मदरसे के जिम्मेदारों ने उनका स्वागत किया। सऊदी अरब से आए महमानों ने दारुल उलूम के मेहमानखाने में मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी से मुलाकात की। उन्होंने यहां दी जाने वाली तालीम व तरबीयत के बारे में जाना। मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी ने दारुल उलूम के कयाम का मकसद बयान करते हुए बताया कि दारुल उलूम डेढ़ सौ साल से पूरी दुनिया में इल्मे नबवी फैलाने का काम कर रहा है। ऐसे आलिम तैयार कर रहा है जो इस्लाम के खिलाफ होने वाले दुष्प्रचार का दीन की रोशनी में जवाब देते हैं। दारुल उलूम का मकसदे कयाम और सुनहरे इतिहास पर खुशी का इजहार करते हुए सऊदी मेहमानों ने दारुल उलूम देवबंद को सारी दुनिया में रहने वाले मुसलमानों का अजीम सरमाया करार दिया। इसके बाद उन्होंने दारुल उलूम की तारीखी इमारतों का भ्रमण किया और लाइब्रेरी में रखी नायाब किताबों को देखा। इस दौरान मुफ्ती आरिफ जमील, मौलाना शमीम अख्तर मजाहिरी, मौलाना अली शफीक नदवी, मौलाना मुकीमुद्दीन आदि मौजूद रहे।