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धार्मिक एकता के पैरोकार थे संत कबीर:योगी महाराज

सिद्धपीठ संत शिरोमणि गुरु रविदास योगाश्रम सैनपुर में संत कबीर की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान प्रवचन में योगी महाराज ने समाज के लोगों से संत कबीर के

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jun 2019 11:09 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2019 11:09 PM (IST)
धार्मिक एकता के पैरोकार थे संत कबीर:योगी महाराज
धार्मिक एकता के पैरोकार थे संत कबीर:योगी महाराज

जेएनएन, सहारनपुर। सिद्धपीठ संत शिरोमणि गुरु रविदास योगाश्रम सैनपुर में संत कबीर की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस दौरान प्रवचन में योगी महाराज ने समाज के लोगों से संत कबीर के बताए मार्ग पर चलने और अंधविश्वास तथा कुरीतियों से दूर रहने का आह्वान किया।

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सोमवार को हुए कार्यक्रम में योगी महाराज ने कहा कि कबीरदास 15वीं सदी के कवि और संत थे। वह अंधविश्वास की निदा और सामाजिक बुराइयों की सख्त आलोचना करते थे। योगी महाराज ने कहा कि संत कबीर सामाजिक और धार्मिक एकता के पैरोकार होने के साथ ही एक महान समाज सुधारक भी थे। उनका उद्देश्य विषमताग्रस्त समाज में जागृति पैदा कर लोगों को भक्ति का नया मार्ग दिखाना था। जिसमें वह काफी हद तक सफल भी हुए। आचार्य जसवीर दास ने कहा कि मनुष्य जीवन अनमोल है। इसलिए हमें अपने जीवन को भोग विलास में व्यतीत नहीं करना चाहिए। हमें परमपिता परमात्मा द्वारा दिए गए शरीर पर अभिमान न करते हुए इस जगत में रहकर मानव हित के काम करने चाहिए। इस मौके पर ओमवीर सिंह, संतोष दास, नाहर सिंह, भगत, दीपक, दयाराम, हेम सिंह, सोनी, ब्रजपाल, रतनपाल प्रधान, बिरमपाल, केशवदास, विश्वास दास, रणवीर दास, जुगलदास, जोगेंद्र, भंवर सिंह मौजूद रहे।

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