सहारनपुर: शिवालिक पहाड़ियों में भारी बरसात, शाकंभरी में हाई अलर्ट, भूरादेव से आगे माता के मंदिर तक जाने पर रोक
Saharanpur News बुधवार की रात अचानक आई शाकंभरी नदी की बाढ़ ने सहारनपुर में स्थानीय पुलिस प्रशासन को हिला कर रख दिया। बाढ़ इतनी खतरनाक थी कि पानी की धार ने जिला पंचायत द्वारा की गई श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्थाओं को भी बहा दिया।
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। बुधवार की देर रात सिद्धपीठ श्री शाकंभरी देवी में अचानक आई बाढ़ ने एक बार फिर प्रशासन को सतर्कता बढ़ाने के लिए मजबूर कर दिया। देहरादून में शिवालिक पहाड़ियों में भारी वर्षा होने की सूचना के बाद स्थानीय पुलिस प्रशासन ने भूरादेव से आगे माता के मंदिर तक जाने पर रोक लगा दी है। प्रशासन ने यह प्रतिबंध देहरादून से शिवालिक पहाड़ियों में भारी वर्षा होने की सूचना के बाद लगाया है। उधर, श्रद्धालुओं के सिद्ध पीठ तक पहुंचने पर प्रतिबंध के बाद भूरादेव मंदिर के सामने मार्ग सूना हो गया।
बुधवार की रात अचानक आई थी बाढ़
सिद्धपीठ श्री शाकंभरी देवी में बुधवार की रात अचानक आई शाकंभरी नदी की बाढ़ ने स्थानीय पुलिस प्रशासन को हिला कर रख दिया। क्योंकि बाढ़ इतनी खतरनाक थी कि पानी की धार ने जिला पंचायत द्वारा की गई श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्थाओं को भी बहा दिया। इसमें सिद्धपीठ परिक्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए बनाया गया अस्थाई पुल भी शामिल था।
गुरुवार को प्रशासन ने एक बार फिर भूरादेव से माता के दर्शन के लिए पैदल जाने की व्यवस्था को जारी रखा।
देहरादून से संपर्क करने के बाद जारी किया हाई अलर्ट
गुरुवार को आसमान में बादलों की चाल शाम के समय बढ़ गई थी। इसी के चलते प्रशासन ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में संपर्क करने के बाद सायं छह बजे से हाई अलर्ट जारी करते हुए भूरा देव से आगे श्रद्धालुओं के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया। एसडीएम दीपक कुमार व सीओ मुनीश चंद्र ने बताया कि देहरादून से शिवालिक पहाड़ियों में बरसात का अलर्ट मिलने के बाद यहां यह अलर्ट जारी किया गया है। उनका कहना था कि जैसे ही पहाड़ों में मौसम की स्थिति सामान्य होगी वैसे ही माता के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को भूरा देव से आगे जाने की अनुमति दे दी जाएगी।
बाढ़ के बाद व्यवस्था बनाने में जुटी जिला पंचायत
सहारनपुर, जागरण संवाददाता। शाकंभरी में बुधवार रात आई तेज धार ने जिला पंचायत द्वारा शारदीय नवरात्र मेले के लिए कराई जा रही व्यवस्थाओं को क्षति पहुंचाई थी। बावजूद इसके जिला पंचायत गुरुवार को दोबारा व्यवस्था बनाने में जुटी रही। बुलडोजर से नदी तल पर उबड़-खाबड़ हुए पत्थरों को समतल कराया गया। पानी की धार को भी एक ओर कराने का काम जारी रही।
पहले से ही जताई जा रही थी खतरे की आशंका
इस बार नवरात्र मेले पर बाढ़ के खतरे की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी। इस कारण प्रशासन ने मेला और बाजार मंदिर परिसर के पास नहीं लगने दिया। पार्किंग की व्यवस्था भी मंदिर से करीब तीन किमी पहले की गई। हालांकि कुछ दुकानें नागल माफी में पार्किंग के पास जरूर लगी हैं। जिला पंचायत ने यहां श्रद्धालुओं के लिए विश्राम स्थल भी बनाए हैं। गुरुवार को श्रद्धालु पैदल ही माता शाकंभरी के दर्शनों को पहुंचे।