सहारनपुर शराब कांड में तीन थाना क्षेत्र में मामला दर्ज, 30 गिरफ्तार
सहारनपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी. ने बताया कि पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। इस केस को लेकर कल रात में संयुक्त टीम ने एक कार्रवाई की गई थी।
सहारनपुर, जेएनएन। सहारनपुर के गांवों में बनी देशी शराब के जहरीली होने के मामले में 50 से अधिक लोगों की मौत के मामले में पुलिस सक्रिय हो गई है। यहां पर जांच मेरठ रेंज के आइजी को सौंपी गई है जबकि एसएसपी कल से सक्रिय हो गए हैं। अब तक तीन थाना में जहरीली शराब से मौत के मामले में केस दर्ज किया गया है। जिसमें 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
सहारनपुर के एसएसपी दिनेश कुमार पी. ने बताया कि पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज की गई है। इस केस को लेकर कल रात में संयुक्त टीम ने एक कार्रवाई की गई थी। इसमें 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस केस में अब तक 25 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने आबकारी विभाग की टीम के साथ मिलकर अभियान चलाया है। जिसमें 400 लीटर से अधिक अवैध शराब जब्त की गई। उन्होंने कहा कि जब तक इस पूरे प्रकरण की हकीकत सामने नहीं आ जाती है, जिला में पुलिस की कार्रवाई जारी रहेगी। यह पूरा जब तक यह पूरी तरह से समाप्त नहीं हो जाता तब तक दरार जारी रहेगी। इस मामले में पुलिस पूरी तरह से राजफाश करने की तैयारी में लगी है।
सहारनपुर के जिलाधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि शराब को जांच के लिए लखनऊ लैब भेजा जा रहा है। 405 लीटर अवैध शराब जब्त की गई है। अभी तक की जानकारी में ऐसे संकेत मिले हैं कि शराब को तेज बनाने के लिए रैट पॉइजन का भी इस्तेमाल किया जाता था। उन्होंने बताया कि सहारनपुर के कुछ लोग मेरठ के अस्पताल में भी भर्ती हैं। तीन थानों में एफआईआर दर्ज की गई है। 30 लोग गिरफ्तार किए गए हैं और कुछ पर एनएसए लगाने की भी तैयारी है। सहारनपुर-उत्तराखंड सीमा पर जहां शराब बन रही थी वहां अभियान चलाया जाएगा।
सहारनपुर में जहरीली शराब से मौत की गूंज लखनऊ और दिल्ली तक जा पहुंची। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर मेरठ जोन के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है। इनको निर्देश दिए कि शराब माफियाओं पर गैंगेस्टर एक्ट लगाकर उनकी अवैध संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई करें। अब अवैध शराब के कारोबार सख्ती से रोक लगाने के भी निर्देश दिए।
एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार के मुताबिक जोन के सभी एसएसपी को निर्देश जारी किए गए हैं कि वह अपने जिलों में शराब माफियाओं की सूची तुरंत बनाएं। कितने शराब माफिया हैं और कितनों पर क्या कार्रवाई की है, इसकी एक रिपोर्ट तैयार रखें, ताकि वह मुख्यमंत्री और डीजीपी को इसके बारे में बता सकें। इससे पहले बीते वर्ष में हुई कार्रवाई की रिपोर्ट सभी जनपदों से तलब की गई।