अहंकार त्याग निर्मलता से रहना उत्तम मार्दव धर्म : पं. देवेंद्र
देवबंद (सहारनपुर) : पर्वाधिराज पयूर्षण के दूसरे दिन जैन मंदिरों में उत्तम मार्दव धर्म की पूजा-अर्चन
देवबंद (सहारनपुर) : पर्वाधिराज पयूर्षण के दूसरे दिन जैन मंदिरों में उत्तम मार्दव धर्म की पूजा-अर्चना की गई। अपने भीतर के अहंकार को त्यागने और निर्मलता से रहने को उत्तम मार्दव धर्म बताया गया।
शनिवार को भगवान पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर सरागवाड़ा, मंदिर बाहरा, पंचायती मंदिर नेचलगढ़ और श्री भगवान महावीर दिगंबर जैन मंदिर कानूनगोयान में शनिवार को श्रीजी का अभिषेक, नित्यनियम पूजन एवं उत्तम मार्दव धर्म की पूजा की गई। साथ ही भगवान पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर बाहरा में विधान में विशेष पूजा-अर्चना हुई। इस मौके पर पं. देवेन्द्र कुमार जैन शास्त्री जी ने बताया कि अहंकार मनुष्य की सबसे बड़ी कमजोरी होता है। इसलिए मनुष्य को क्षमा करना सीखने के पश्चात अपने भीतर के अहकार को त्याग कर सरलता व निर्मलता से जीवन यापन करना चाहिए। इससे पूर्व मंदिर बाहरा में शुक्रवार देर रात्रि में महाआरती एवं धार्मिक पहेली का आयोजन किया गया, जिसमें विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान मोनिका जैन, अनिल जैन, चंदन बाला जैन, अंकित जैन, अतुल जैन, मुकेश जैन, श्रीचंद जैन, आशीष जैन, महेश चंद जैन मौजूद रहे।