गाय के गोबर से बने दीयों से जगमगाएगा शहर
इस बार दीपावली पर गाय के गोबर से बने दीयों से पूरा शहर जगमगाएगा क्योंकि कान्हा उपवन गोशाला में नगर निगम एक लाख दीये तैयार करा रहा है जिन्हें नगर निगम परिसर दिल्ली रोड तथा शहर के विभिन्न स्थानों पर स्टाल लगाकर लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा।
सहारनपुर, जेएनएन। इस बार दीपावली पर गाय के गोबर से बने दीयों से पूरा शहर जगमगाएगा, क्योंकि कान्हा उपवन गोशाला में नगर निगम एक लाख दीये तैयार करा रहा है, जिन्हें नगर निगम परिसर, दिल्ली रोड तथा शहर के विभिन्न स्थानों पर स्टाल लगाकर लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा। शनिवार को नगर आयुक्त ज्ञानेंद्र सिंह कान्हा गोशाला पहुंचे, जहां उन्होंने बनाए जा रहे दीयों का अवलोकन कर इन्हें बनाने की तैयारियों का जायजा लिया।
दीपावली पर विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचाव के लिए नगर निगम महानगर में इकोफ्रेंडली दीपावली मनाने की दिशा में प्रयास कर रहा है, नगर आयुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि निगम का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत करना और प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने के लिए प्रेरित करने के साथ ही गाय और गोबर के महत्व से अवगत कराना है। गाय के गोबर से निर्मित दीयों की लौ से निकले धुएं से कीटाणु और मच्छर दूर भागते हैं और वातावरण शुद्ध होता है। लक्ष्मी पूजन में भी गोबर से निर्मित दीयों के उपयोग का काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
नगर आयुक्त ने बताया कि नगर निगम द्वारा संचालित कान्हा उपवन गौशाला में इस वर्ष एक लाख दीये गाय के गोबर से निर्मित कराये जा रहे हैं। दीयों को आकर्षक बनाने के लिए उन्हें इकोफ्रेंडली रंगों से रंगा जा रहा है। आगामी वर्षों में यह संख्या कई गुणा अधिक रहेगी। गाय का गोबर मोबाइल के रेडिएशन से भी लोगों को बचा सकता है। ताजा गोबर सात दिन तक रेडिएशन से सुरक्षा कर सकता है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वह वातावरण को पवित्र करने और प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने के लिए गाय के गोबर से निर्मित दीयों का ही उपयोग करें और इकोफ्रेंडली दीपावली मनाएं। निगम की गोशाला में गोमूत्र से गोनाइल नाम से बनाए जा रहे फिनाइल, गोबर से निर्मित जैविक खाद आदि भी स्टालों पर बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे।