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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से हटा देनी चाहिए जिन्ना की तस्वीर : उलमा

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पाकिस्तान संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर देवबंद उलमा ने भी एतराज जताया है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 01 May 2018 10:38 PM (IST)Updated: Wed, 02 May 2018 10:37 PM (IST)
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से हटा देनी चाहिए जिन्ना की तस्वीर : उलमा
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से हटा देनी चाहिए जिन्ना की तस्वीर : उलमा

सहारनपुर (जेएनएन)। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन में लगी पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर पर सियासी घमासान है। देवबंद के उलमा ने भी फोटो लगाए जाने पर एतराज जताया है। भाजपा सांसद सतीश गौतम ने विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखकर पूछा है कि छात्रसंघ भवन में जिन्ना की तस्वीर क्यों लगाई गई है। उलमा की राय है कि तस्वीर से यदि विवाद हो रहा है तो इसे हटा देने में कोई हर्ज नहीं है। मदरसा मोहतमिम नूनाबड़ी मुफ्ती अथर कासमी ने कहा कि जिस समय जिन्ना ने बंटवारे की बात उठाई थी तो उलमा ने इसका विरोध किया था। उनका कहना है कि जब भारत के मुसलमान ही जिन्ना को पसंद नहीं करते तो उनकी तस्वीर को कैसे पसंद करेंगे। कहा कि यदि तस्वीर लगाने को लेकर विश्वविद्यालय में विवाद हो रहा है, तो इसे हटा देना चाहिए।

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सुर्खियां बटोरने को  जिन्ना के नाम का सहारा

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पाकिस्तान के जनक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर भाजपा सांसद सतीश गौतम द्वारा कुलपति प्रो. तारिक मंसूर को लिखे पत्र के बाद हंगामा खड़ा हो गया है। एएमयू के पूर्व मीडिया सलाहकार डॉ. जसीम मोहम्मद ने सांसद गौतम को खुला पत्र लिखा है। कहा कि सांसद ने सुर्खियां बटोरने को जिन्ना के नाम का सहारा लिया। पत्र में सांसद की तीखी आलोचना भी की गई है। 

डॉ. जसीम ने कहा है कि आपने कुलपति प्रो. तारिक मंसूर से छात्रसंघ भवन में पाकिस्तान के राष्ट्रपिता मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगने के औचित्य पर सवाल किया है। आज से पहले भी ऐसे सवाल उठते रहे हैं। एएमयू ने हालांकि अभी पत्र न मिलने की बात कही है। डॉ. जसीम ने चुटकी लेते हुए कहा है कि कोई बात नहीं है, आप सांसद हैं और आपने पहले ही ये बात मीडिया को बता दी होगी। एक सभ्य नेता को सुर्खियों की जरूरत भी होती है। आप एएमयू कोर्ट के सदस्य हैं। चार साल के दौरान आपको सभ्य तरीके से कोर्ट की बैठक में जिन्ना की तस्वीर या जो आपको लगता है प्रश्न रखने चाहिए थे, लेकिन आपने ऐसा नहीं किया। अब आप सस्ती लोकप्रियता और अखबारबाजी के लिए ये सब कर रहे हैं। पत्र में लिखा है कि आप ऐसा कोई काम न करें, जिससे सांप्रदायिक सद्भाव को ठेस पहुंचे। पाकिस्तान की स्थापना की मंत्रणा अलीगढ़ में हुई है, इसको आप मिटा नहीं सकते। 


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