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वापस गांव को चल पड़ा बेबसी का कारवां..

कोरोना वायरस के संक्रमण ने मजदूर पेशा वर्ग को वापस गांव लौटने के लिये मजबूर कर दिया है। कल- कारखानों और दुकानों पर काम करने वाले ये मजदूर कोई साधन न मिलने के कारण पैदल ही अपने घरों को निकल पड़े हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 28 Mar 2020 09:28 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 06:02 AM (IST)
वापस गांव को चल पड़ा बेबसी का कारवां..
वापस गांव को चल पड़ा बेबसी का कारवां..

सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस के संक्रमण ने मजदूर पेशा वर्ग को वापस गांव लौटने के लिये मजबूर कर दिया है। कल- कारखानों और दुकानों पर काम करने वाले ये मजदूर कोई साधन न मिलने के कारण पैदल ही अपने घरों को निकल पड़े हैं। दिन-रात परिवार के साथ पैदल चलकर हजारों परिवार घर पहुंचने को बेताब हैं।

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हरियाणा से पैदल आ रहे कामगार तेजी से जिले की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं, वहीं अनेक लोग जिले से हरियाणा जाने के लिए साधनों की तलाश में हैं। देशभर में लॉक डाउन के चलते इन दिनों रेलवे, बस यातायात पूरी तरह बंद है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की सायरन बजाती गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही रही है। सहारनपुर से यमुनानगर की ओर पैदल ही बढ़ रही कांता देवी का कहना था कि वह कई दिन पहले परिवार के साथ सहारनपुर में काम की तलाश में आई थी, लेकिन काम बंद होने के कारण अब वापस घर लौटना चाहती है, जाने के लिए जब कोई वाहन नहीं मिला तो पैदल ही निकलने का निश्चय किया। अब कैसे घर तक पहुंचगी, बस यही चिता है। कल कारखानों में काम करने वाले बरेली और उसके आसपास के जिलों के दर्जनों मजदूरों का पुलिस द्वारा पंजीकरण किया जा रहा था। हर मजदूर अपने घर वापसी के लिए परेशान था पुलिस से बार-बार यह गुहार कर रहा था कि साहब जैसे भी हो मुझे घर भेज दो। पंजीकरण के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा आवश्यक व्यवस्था कर भिजवाने की बात कहीं जा रही है। यमुनानगर की ओर से आ रहे चरण सिंह ने बताया कि उसे मुजफ्फरनगर की ओर जाना है। वह अंबाला में एक फैक्टरी पर काम करता था, फैक्ट्री बंद हो गई घर से रोजाना परिजनों के फोन आ रहे हैं ऐसे मे उससे रहा नहीं गया तो वह पैदल ही निकल पड़ा। बड़ी मुश्किल से सहारनपुर तक पहुंचा हूं। आगे पहुंचने के लिए यहां अधिकारियों से फरियाद करूंगा।

मेडिकल स्क्रीनिग के बाद भेजने की तैयारी

सहारनपुर: मंडलायुक्त संजय कुमार ने बताया कि शामली के पानीपत और करनाल बार्डर पर जिले से संबंधित 96 लोगों को कल शाम से आने की अनुमति दी गई थी। प्रत्येक का मेडिकल चेकअप के बाद उन्हें उनके गांवों में भेज दिया गया है। बिजनौर, मेरठ और सहारनपुर से जुड़े 79 लोगों का पांच छोटी बसों में पानीपत और करनाल सीमा से लाया गया। शामली में रैन बसेरे में रखा गया और भोजन की व्यवस्था कराई गई।। मेडिकल स्क्रीनिग के बाद उन्हें चार अलग-अलग बसों में संबंधित जिलों में भेजा जाएगा। हरियाणा सीमा पर अब भीड़ की स्थिति नही है। हिमाचल में फंसे लोगों को घर पहुंचाएं

सहारनपुर: पूर्व विधायक शशिबाला पुंडीर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हिमाचल प्रदेश के शिमला और पंजाब में फंसे जिले के 20 से अधिक लोगों को सहारनपुर लाने की मांग की थी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के विशेष सचिव अजय सिंह का फोन आया है कि पहले पंजाब में फंसे लोगों को लाने की बातचीत चल रही है। हिमाचल के लिए अभी हिमाचल का कोई नोडल अधिकारी नहीं बना है।


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