हरिराम के घर पहुंचाया भोजन, एराज को भेजी शुगर की गोली
सुबह के सात बजे हैं..। व्हाट्स एप ग्रुप हेल्प फॉर नीडी पर पहला संदेश आ चुका है। अमित ने एक मोबाइल नंबर सहित मस्तूर नाम लिखकर भेजा है।
सहारनपुर, जेएनएन। सुबह के सात बजे हैं..। व्हाट्स एप ग्रुप हेल्प फॉर नीडी पर पहला संदेश आ चुका है। अमित ने एक मोबाइल नंबर सहित मस्तूर नाम लिखकर भेजा है। ग्रुप एडमिन का सवाल, क्या समस्या है इन्हें? जवाब मिला, राशन नहीं है इनके पास। सवाल आया, इलाका? जवाब, अब्दुल्ला कॉलोनी। कुछ ही देर में संचालक ने पुष्टि संदेश भेजा, राशन पहुंचा दिया गया है। यह ग्रुप पर दिन का पहला मैसेज है। पूरा दिन व्हाट्स एप ग्रुप हेल्प फॉर नीडी पर ऐसे संदेश आते रहते हैं, और असहायों को विभिन्न माध्यमों से मदद पहुंचाई जाती है।
दरअसल लॉकडाउन के बाद सहारनपुर के कुछ युवाओं ने मिलकर यह ग्रुप बनाया है। ग्रुप के सदस्य आपसी सहयोग से असहायों को भोजन, राशन के पैकेट तथा दवायें मुहैया कराकर जीवनदान दे रहे हैं। ग्रुप की कोई लक्ष्मण रेखा नहीं है। जरूरत कैसी भी हो, ग्रुप तत्काल उपलब्ध कराता है। पिछले 14 दिनों में इस ग्रुप ने हजारों असहायों को राशन के पैकेट बांट दिये हैं। ग्रुप हजारों असहायों की भूख मिटा चुका है, तथा सैकड़ों मरीजों को नियमित दवायें उपलब्ध कराकर जीवन बख्श चुका है।
------
रात तक रुकता नहीं सिलसिला
एक बार ग्रुप पर भोजन की डिमांड आई तो पूरा दिन आती रहती है। दोपहर के एक बजे संदेश आया, बाजेशाह पीर वाली गली जनकपुरी, बंजारों के पुल लकड़ी की टाल, जेल चुंगी के पास, लेबर कॉलोनी में निर्धन परिवारों को राशन की जरूरत है। टीम ने काम किया, और आपूर्ति कर पुष्टि की।
---------
घर तक पहुंचा रहे दवाइयां
शाम के पांच बजे हैं, ग्रुप पर संदेश है, 12 रोगियों को डाक्टरी परामर्श पर दवायें निशुल्क पहुंचा दी गई हैं। अगला संदेश, बेहट रोड पर किडनी इंफेक्शन से बच्चा पीड़ित है, उसके पास दवा नहीं है। अगला जवाब आता है, व्हाट्स एप पर पर्चा मंगाकर 15 दिनों की दवायें राशन समेत घर पहुंचा दी गई हैं। पांच अन्य गरीबों को भी डायबटीज की सीरिज समेत इंसुलिन इंजेक्शन और दवायें पहुंचा दी गई हैं।
----------
ऐसे काम करता है ग्रुप
कोर टीम के सदस्य मोहम्मद युनुस बताते हैं कि हम डिमांड आते ही संबंधित तक जरूरत का सामान पहुंचा देते हैं। डा. कलीम बताते हैं कि मरीज को हम वीडियो कांफ्रेंसिग से डाक्टरी सलाह देते हैं, दवायें घर तक भेजते हैं। स. गुरुप्रीत बग्गा बताते हैं कि 30 मिनट में पका खाना घर पर भिजवा दिया जाता है। गरीबों को दिए जाने वाले पैकेट में आटा, चावल, दाल, चीनी, चाय की पत्ती, रिफाइंड, नमक, तेल और साबुन आदि देते हैं। ग्रुप को संचालित करने में मनीष कच्छल, एनके बंसल, जाकिर अंसारी, अमित गुप्ता, विकास अग्रवाल, उबैर, डा. अंकुर उपाध्याय, डा. विवेक बनर्जी तथा नवीन का सहयोग रहता है।