घर में गुजारे फुर्सत के पल, मोबाइल से चला काम
कोरोना के कारण सहारनपुर जनपद लॉक डॉउन हो चुका है आम नागरिकों से लेकर गणमान्य नागरिक तक सभी अपनी सुरक्षा के लिये घरों में कैद हो गये हैं। मंत्रियों के घर दफ्तर बन गये हैं तो मोबाइल से पूरा मंत्रालय चल रहा है उद्योगपतियों के सभी कामकाज भी मोबाइल से ही हो रहे हैं।
सहारनपुर, जेएनएन। कोरोना के कारण सहारनपुर जनपद लॉक डॉउन हो चुका है, आम नागरिकों से लेकर गणमान्य नागरिक तक सभी अपनी सुरक्षा के लिये घरों में कैद हो गये हैं। मंत्रियों के घर दफ्तर बन गये हैं, तो मोबाइल से पूरा मंत्रालय चल रहा है, उद्योगपतियों के सभी कामकाज भी मोबाइल से ही हो रहे हैं। नृत्य की क्लासेज ऑनलाइन हो गई हैं, तो पढाई के टिप्स भी फोन पर दिये जा रहे हैं। सब कुछ सिमट कर घर में आ गया है। सी-52
घर से चला दफ्तर, अफसरों को दिए निर्देश
कोरोना को लेकर लॉक डाउन के पहले दिन घर पर रहा। सोमवार को दिन भर टीवी के समाचारों पर निगाहें लगी रही। मोबाइल से विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। परिजनों के साथ कोरोना को लेकर ताजा हालात पर चर्चा की। कई लोगों ने घर पर मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें साफ इंकार कर दिया। उनसे कहा कि आप अपने घर पर ही रहें।
डा.धर्म सिंह सैनी, आयुष राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार।
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सी-53
परिवार के साथ बिताया समय
लॉकडाउन के पहले दिन मैं परिवार के साथ घर पर रहा। पत्नी शगुफ्ता खान के साथ कोरोना से बचाव के उपायों पर चर्चा की। टीवी के समाचारों से देश की स्थिति की जानकारी मिली। किस प्रदेश में क्या नए दिशा निर्देश जारी किए जा रहे है और आगे क्या संभावना है?
खालिद खान, पूर्व पालिकाध्यक्ष नकुड़।
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सी-54
म्यूजिक थेरेपी का लिया आनंद
'म्यूजिक थेरेपी' की अवधारणा सदियों पुरानी है। यह कई रोगों के उपचार तथा सकारात्मकता को बढाने में प्रभावी है। मैंने आज हारमोनियम पर 'म्यूजिक थेरेपी' का आनंद लिया, संगीत की स्वर लहरियों से कोरोना के विकार को समाज से दूर करने की कोशिश की, घर पर बच्चों को नृत्य का रियाज कराया, वीडियो कॉल से भी टिप्स दिए। उन्हें समझाया कि घर पर रहकर कैसे अपना रियाज जारी रखें, साथ ही किसी दशा में घर से बाहर घूमने या मित्रों से मिलने के लिए न निकलें।
-रंजना नैब, नृत्यांगना
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सी-55
मां के साथ बिताया फुरसत का समय
घर पर ही रहकर कोरोना से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी निर्देशों का पूरा परिवार पालन कर रहा है और आगे भी करेगा। मां कांता अग्रवाल ने अपने जमाने की भूली बिसरी बातें बताई और बच्चों खूब रूचि ली, मां से उन्होंने खूब सवाल किए। मां ने भी सभी का जवाब बच्चों को दिया।
राजेश अग्रवाल, कारोबारी।