अब मंदिर-मस्जिद नहीं, विकास की बात होगी
इल्म की नगरी देवबंद के उलमा इकराम ने फैसले को मायूस करने वाला बताया है। कहा कि मस्जिद के बदले अयोध्या में दी जाने वाली पांच एकड़ जमीन को देश का मुसलमान कुबूल नहीं करेगा।
सहारनपुर, जेएनएन। इल्म की नगरी देवबंद के उलमा इकराम ने फैसले को मायूस करने वाला बताया है। कहा कि मस्जिद के बदले अयोध्या में दी जाने वाली पांच एकड़ जमीन को देश का मुसलमान कुबूल नहीं करेगा। एक उलमा ने यह भी कहा कि अब देश में मंदिर-मस्जिद नहीं विकास की बात होगी।
जमीयत दावतुल मुसलिमीन के संरक्षक कारी इसहाक गोरा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मुसलमान कबूल करते हैं। कहा कि अच्छी बात यह है कि लंबे समय से इस मुद्दे को लेकर की जा रही राजनीति पर अब विराम लग जाएगा। इससे अब लोग मंदिर-मस्जिद नहीं बल्कि देश के विकास की तरफ अपनी सोच को ले जाएंगे। आलमी रूहानी तहरीक के संरक्षक मौलाना हसनुल हाशमी ने कहा कि मस्जिद के बदले अयोध्या में दी जो वाली पांच एकड़ जमीन को देश का मुसलमान कबूल नहीं करेगा। हाशमी ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यह मुकदमा पूरी ताकत के साथ लड़ा। इस मामले में बोर्ड जो भी कदम उठाएगा, हम उनके साथ खड़े है। तंजीम अब्ना-ए-दारुल उलूम के अध्यक्ष मुफ्ती यादे इलाही कासमी ने मुसलमानों से अमन कायम रखने की अपील की है। मदरसा जामिया हुसैनिया के वरिष्ठ उस्ताद मुफ्ती तारिक कासमी ने कहा कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते है। लेकिन कोर्ट का फैसला स्पष्ट नहीं है।