प्रशासनिक अधिकारियों के दावे हवा, अवैध खनन जारी
सरकार पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए अभियान चला रही है लेकिन दूसरी ओर यमुना नदी में अवैध खनन तथा स्टोन क्रेशर से उड़ती धूल पर्यावरण
सहारनपुर, जेएनएन। बेहट में सरकार पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए बेशक अभियान चला रही हो या कस्बा क्षेत्र में प्रशासनिक अधिकारी अवैध खनन नहीं होने के दावे कर रहे, लेकिन क्षेत्र में दोनों दावों की हवा निकली हुई है। क्योंकि यमुना नदी में अवैध खनन जारी है, जबकि स्टोन क्रेशर से उड़ती धूल पर्यावरण को चुनौती दे रही है। शनिवार को जिलाधिकारी को दी शिकायत में ग्राम मगनपुरा निवासी ओमवती सईद, यूसुफ, नाजिम, यामीन आदि का कहना है कि इस पूरे धंधे में पुलिस व खान विभाग की मिलीभगत है। कहा कि अवैध खनन के वाहनों को यहां से गुजरने पर रोक लगाई जाए। आलम यह हैं कि बरथा आदि यमुना घाटों पर तो स्टॉक की आड़ में धड़ल्ले से अवैध खनन व स्टोन क्रेशर चल रहे हैं। खनन विभाग है कि स्टॉक की परमिशन तो जारी करता है, लेकिन स्टॉक कहां है। इसकी जांच नहीं कराता, जबकि सच्चाई यह है कि यह अवैध खनन कर उस अनुज्ञा पत्र की आड़ में धंधा किया जा रहा है। कोई ठेका न होने के बावजूद रॉयल्टी कंपनी के लोग धड़ल्ले से खनिज लदे वाहनों से वसूली करते हैं। यदि इस काम में नाकाम रहते हैं, तो वह वाहनों के चालकों के साथ भिड़ने में भी पीछे नहीं हटते। यह स्थिति यमुना नदी में मिर्जापुर से चिलकाना तक बनी हुई है। मिर्जापुर क्षेत्र के बादशाहीबाग में स्टोन क्रेशर दिन-रात धड़ल्ले से धूल उड़ा रहे हैं। पिछले दिनों गांव नगली में तो श्मशान घाट की भूमि की मशीनों से खोदाई करा डाली, जिसमें पुलिस ने तीन दिन बाद मुकदमा दर्ज किया। बरथा व उसके आसपास भी स्टोन क्रेशर चल रहे हैं। वह स्टॉक की आड़ में यमुना से खनिज खोदकर अपना धंधा चला रहे हैं। ग्रामीणों ने जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
मामले में एसडीएम देवेंद्र पांडे का कहना है कि अभी बरथा की एक स्टॉक का अनुज्ञा पत्र मिला है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन किसी कीमत पर नहीं होने दिया जाएगा।