किसी भी राजनीतिक दल से भीम आर्मी का कोई संबंध नहीं : चंद्रशेख्रर
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल से उनका कोई संबंध नहीं है।
सहारनपुर (जेएनएन)। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल से उनका कोई संबंध नहीं है। बसपा सुप्रीमो मायावती द्वारा पल्ला झाडऩे के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि बसपा सुप्रीमो ने मेरे बारे में क्या कहा, मुझे जानकारी नहीं है। पहले मैं खुद देखूंगा, परखूंगा और इसके बाद बोलूंगा। बसपा राजनीतिक दल है और इससे हमारा कोई रिश्ता नहीं है। उन्होंने कहा मायावती हमारे समुदाय की हैं और रिश्ते में हमारी बुआ हैं। हमारे संबंध विच्छेद भी हो सकते हैं। रविवार को अपने आवास पर मायावती के बयान पर चंद्रशेखर ने यह प्रतिक्रिया दी। इस बीच एक नए घटनाक्रम में चंद्रशेखर की तबियत बिगड़ी और वह समर्थकों के बीच बीहोश हो गए।
संगठन भाजपा को हराने के लिए कटिबद्ध
बता दें कि दो दिन पहले चंद्रशेखर ने मायावती को अपनी बुआ बताया था। इस पर बसपा प्रमुख ने रविवार को प्रेसवार्ता में स्पष्ट कर दिया कि कुछ नौजवान उनसे रिश्तेदारी का दावा कर रहे हैं, उनकी कोई रिश्तेदारी नहीं है। कई राजनीतिक दलों के लोगों से मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझसे प्रतिदिन सैकड़ों लोग मिल रहे हैं। मुझे नहीं मालूम, इनमें कौन क्या है। राजनीतिक लोग आते हैं, तो यह केवल शिष्टाचार मुलाकात है। हमारा संगठन भाजपा को हराने के लिए कटिबद्ध है।
चंद्रशेखर समर्थकों के बीच बेहोश
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद की तबीयत रविवार को बिगड़ गई और वह समर्थकों के बीच बेहोश होकर गिर पड़े। परिजन उन्हें घर के अंदर ले गए और बिस्तर पर लिटा दिया। भाजपा के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई का एलान कर चुके चंद्रशेखर से मिलने वालों का तांता लगा हुआ है। रविवार सुबह रामनगर में उन्होंने लोगों से बात की और घर लौट गए। यहां कई शहरों से समर्थक और भीम आर्मी के कार्यकर्ता मौजूद थे। इसी दौरान वह समर्थकों के बीच चक्कर खाकर गिर पड़े। समर्थक व परिजन उन्हें तुरंत अंदर ले गए। बड़े भाई भगत सिंह ने बताया कि पिछले तीन से लगातार बोलने और नींद पूरी नहीं होने के कारण उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। दूसरी ओर दिल्ली से एडवोकेट सम्राट के साथ पहुंचे ऑल इंडिया एससीएसटी एडवोकेट आर्गेनाइजेशन का प्रतिनिधिमंडल भी चंद्रशेखर से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें समर्थन का भरोसा दिया। कहा कि जल्द ही केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। एडवोकेट सम्राट ने इसमें शामिल होने के लिए चंद्रशेखर को निमंत्रण भी दिया।
अब रावण उपनाम नाम से चिढ़
चंद्रशेखर आजाद ने रविवार को खुद को रावण के संबोधन पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि मैं अनुसूचित जाति से हूं और रावण ब्राह्मण था। फेसबुक पर भाजपा के लोग रावण का वध करने की बात कह रहे हैं, यदि भविष्य में किसी ने भी मुझे रावण कहा तो मैं उसके खिलाफ मुकदमा लिखवा दूंगा। रविवार सुबह वह रामनगर निवासी भीमआर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया के घर पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा कि पिछले दो साल से लोग उन्हें रावण के नाम से पुकारते हैं। चंद्रशेखर ने स्पष्ट कहा कि यह नाम उन्हें मीडिया ने दिया है। इस पर उन्हें सख्त आपत्ति है।