55 घंटे बंदूक लेकर घूमते रहे, सोयी रही पुलिस
खुद को तेजतर्रार साबित करने पर उतारू जिला पुलिस की असलियत उन्हीं के द्वारा तैयार किया गया प्रेस नोट खोल रहा है। पुलिस का दावा है कि आशीष व उनके भाई की हत्या करने के बाद इनामी महिपाल व उसके तीनों बेटे दो लाइसेंसी बंदूक व तमंचा लेकर फरार हो गए लेकिन उन्हें कोई पकड़ नहीं सका।
सहारनपुर, जेएनएन। खुद को तेजतर्रार साबित करने पर उतारू जिला पुलिस की असलियत उन्हीं के द्वारा तैयार किया गया प्रेस नोट खोल रहा है। पुलिस का दावा है कि आशीष व उनके भाई की हत्या करने के बाद इनामी महिपाल व उसके तीनों बेटे दो लाइसेंसी बंदूक व तमंचा लेकर फरार हो गए, लेकिन उन्हें कोई पकड़ नहीं सका। यदि पुलिस स्क्रिप्ट सही है, तो सड़क पर घंटों चलती पुलिस चेकिग के मायने क्या हैं। आरोपित सहारनपुर व मुफ्फरनगर को क्रास कर शामली के करीब तितावी तक पहुंच गए और पुलिस ने न रोका और न टोका।
आशीष व आशुतोष के हत्याकांड का राजफाश करते हुए पुलिस ने प्रेस नोट जारी किया है, इसमें यह लिखा है कि सहारनपुर पुलिस की टीम इनकी तलाश करते हुए मंगलवार दोपहर तीतावी में बघरा के जंगल में पहुंची, वहां महिपाल, सन्नी व सूरज के साथ छिपा हुआ था। इनके कब्जे से लाइसेंसी डबल बैरेल बंदूक व तमंचे बरामद हो गए। पुलिस की यह स्क्रिप्ट उनकी खुद की कार्य प्रणाली पर सवाल उठा रही है कि आखिर कैसे कोई खुलेआम इतना असलाह लेकर सहारनपुर से मुजफ्फरनगर तक पहुंच गया। इतना ही नहीं यह भी बताया जा रहा है कि तीनों शामली भी गए थे, लेकिन वहां छिपने का ठिकाना नहीं मिला तो तीवावी के जंगल में पहुंच गए। इन सवालों का सिपाही से लेकर आला अफसर तक किसी के पास भी जवाब नहीं है।
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..तो क्या जंगल में सेविग करवाई
हत्यारोपित महिपाल को जब मीडिया के सामने पेश किया तो वह फ्रेंच कट करवा कर आया था। चेहरा दमक रहा था, जिससे साफ लग रहा था सेविग आज ही हुई है, लेकिन पुलिस की मानें तो महिपाल व उसके लड़के पुलिस से बचते हुए घूम रहे थे। प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया के सवालों का वह बेबाकी से जवाब देता रहा।