बजट से उद्यमी और छात्रों को भारी अपेक्षाएं
केंद्र सरकार के बजट 2020 से छोटे-बड़े उद्योगों और छात्रों को खासी अपेक्षाएं हैं। हालांकि देश में मंदी चल रही अर्थव्यवस्था को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने कार्पोरेट टैक्स में पहले ही भारी कटौती की है जिससे उद्योगों को खासी राहत मिली है। इसके बावजूद अर्थव्यवस्था अभी पटरी पर नहीं लौटी है।
सहारनपुर, जेएनएन। केंद्र सरकार के बजट 2020 से छोटे-बड़े उद्योगों और छात्रों को खासी अपेक्षाएं हैं। हालांकि देश में मंदी चल रही अर्थव्यवस्था को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने कार्पोरेट टैक्स में पहले ही भारी कटौती की है, जिससे उद्योगों को खासी राहत मिली है। इसके बावजूद अर्थव्यवस्था अभी पटरी पर नहीं लौटी है।
उद्योग जगत की अपेक्षाएं हैं कि आगामी बजट में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण प्रत्यक्ष टैक्स में सुधारों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं। ऐसी ही सोच छात्रों और अभिभावकों की है। उनका मानना है कि शिक्षा बजट बढ़ाने के साथ ही छात्रों को शिक्षा ऋण संबंधी अधिक सुविधाए मिलें।
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सी3-व्यक्तिगत आयकर में कटौती करे सरकार
उद्योग जगत को इस बार के बजट यह अपेक्षा है कि सरकार व्यक्तिगत आयकर में कटौती करे। इसके लिए वह पांच लाख तक की आय को टैक्स फ्री करे, 5-10 लाख तक की आय पर 10 फीसद। 10-20 लाख तक की आय पर 20 फीसद तथा 20 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30त्न के आयकर का प्रावधान करे तभी उद्योगों को राहत मिल पाएगी।
गुलशन अनेजा, कारोबारी
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सी4-कार्पोरेट टैक्स में हो अधिक कटौती
छोटे और बड़े उद्योगों से जुड़े लोगों की काफी समय से मांग है कि कार्पोरेट टैक्स में कमी की जाए। एक सिगल फ्लैट का 15 प्रतिशत का रेट हो। वर्तमान में यह 22 प्रतिशत है जिसके कारण मंदी है और यह उद्योग प्रभावित हो रहे हैं। टैक्स अधिक होने के कारण उद्योग बंद होते जा रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि सरकार को उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रावधान भी बजट में करे।
विजय सिघल व्यवसायी
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सी5-रोजगारोन्मुख हो शिक्षा
बजट में शिक्षा के मद में कम से कम 14 प्रतिशत व्यय का प्रावधान निहित किया जाए, जब तक शिक्षा को रोजगारोन्मुख नहीं बनाया जाएगा, तब तक बेरोजगारी पर काबू पाना संभव नहीं है। वित्तमंत्री से प्राथमिक से उच्चतर शिक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए विशेष पैकेज देने की आवश्यकता काफी समय से महसूस की जा रही है।
-मंजू रोहिला,
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सी6-उच्चतर शिक्षा को मिले विशेष पैकेज
उच्चतर शिक्षा की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए विशेष पैकेज की जरूरत है। इससे कालेजों में शिक्षकों की कमी दूर होगी और शैक्षणिक वातावरण विकसित होगा। वित्त मंत्री से निवेदन है कि नये बजट में उच्चतर शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए विशेष पैकेज का प्रावधान निश्चित रूप से आगामी बजट में शामिल करें।
-मोनिका सिंह