सांसद नुसरत जहां के सिंदूर लगाने पर उलमा को एतराज
बंगाली फिल्मों की स्टार और टीएमसी की सांसद नुसरत जहां के जैन धर्म के व्यक्ति से शादी करने सिंदूर व मंगलसूत्र पहनने और शपथ ग्रहण के दौरान वंदे मातरम बोलने पर उलमा ने एतराज जताया है। कहा कि इस्लाम में इन सबकी कतई गुंजाइश नहीं है।
सहारनपुर, जेएनएन। बंगाली फिल्मों की स्टार और टीएमसी की सांसद नुसरत जहां के जैन धर्म के व्यक्ति से शादी करने, सिंदूर व मंगलसूत्र पहनने और शपथ ग्रहण के दौरान वंदे मातरम बोलने पर उलमा ने एतराज जताया है। कहा कि इस्लाम में इन सबकी कतई गुंजाइश नहीं है।
टीएमसी सांसद नुसरत जहां ने गत मंगलवार को संसद सदस्यता की शपथ ली थी। इस दौरान नुसरत साड़ी में सिदूर लगाए और मंगलसूत्र पहने नजर आईं थी। उन्होंने शपथ ग्रहण के बाद वंदेमातरम बोला और लोकसभा अध्यक्ष के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। इस पर जामिया शेखुल हिद के मोहतमिम मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से पता चला कि लोकसभा पहुंची नुसरत जहां ने सिदूर भी लगाया था और मंगलसूत्र भी पहना था। कहा कि इस्लाम के मुताबिक, मुसलमान सिर्फ मुसलमान से ही शादी कर सकता है, किसी अन्य धर्म के व्यक्ति से नहीं। वंदे मातरम बोलना भी इस्लाम में जायज नहीं है। क्योंकि मुसलमान का सिर सिर्फ अल्लाह के आगे झुकता है। जमीयत दावतुल मुसलिमीन के संरक्षक कारी इसहाक गोरा ने कहा कि इस्लाम में सिदूर या मंगलसूत्र पहनने और वंदे मातरम बोलने की गुंजाइश नहीं है। इंसान अपने आमाल से खुद इस्लाम में रहता है और खुद अपने ही तरीकों से ही इस्लाम से खारिज हो जाता है। गोरा ने ऐसा कार्य करने वाले लोगों को अल्लाह से तौबा करने की नसीहत दी।