Move to Jagran APP

खनन घोटाला : सहारनपुर में पूर्व एमएलसी इकबाल के आवास समेत 11 स्थानों पर सीबीआइ का छापा

उत्तर प्रदेश में हुए खनन घोटाले में सीबीआइ की टीम ने मंगलवार सुबह सहारनपुर देहरादून और लखनऊ सहित लगभग 11 स्थानों पर छापे की कार्रवाई की है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 12:21 PM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 04:16 PM (IST)
खनन घोटाला : सहारनपुर में पूर्व एमएलसी इकबाल के आवास समेत 11 स्थानों पर सीबीआइ का छापा
खनन घोटाला : सहारनपुर में पूर्व एमएलसी इकबाल के आवास समेत 11 स्थानों पर सीबीआइ का छापा

सहारनपुर, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में हुए खनन घोटाले में सीबीआइ की टीम ने मंगलवार सुबह सहारनपुर, देहरादून और लखनऊ सहित लगभग 11 स्थानों पर छापे की कार्रवाई की है। सीबीआइ ने यह कार्रवाई सहारनपुर में खनन के पट्टों के आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में की है। सीबीआइ टीम आरोपितों व अन्य के ठिकानों पर तलाशी लेकर दस्तावेजों को खंगाल रही है।

loksabha election banner

सहारनपुर में करीब नौ बजे पूर्व एमएलसी व खनन कारोबारी हाजी इकबाल के मिर्जापुर स्थित आवास पर छापा मारा। यहां से अधिकारी इकबाल के एक बेटे को साथ लेकर गांव में ही स्थित दूसरे मकान पर पहुंचे। अधिकारियों की एक टीम इकबाल के मुंशी नसीम के आवास पर भी जांच पड़ताल कर रही है। बताया जा रहा है कि छापा खनन को लेकर मारा गया है। तीनों टीमें अभी जांच कर रही हैं। बाहर पुलिस तैनात है।

दो सालों से खंगाले जा रहे तार

सीबीआइ करीब दो सालों से खनन घोटाले की परतें खंगाल रही है। सीबीआइ ने पूर्व में हाई कोर्ट के आदेश पर हमीरपुर, शामली, फतेहपुर, देवरिया, सिद्धार्थनगर व अन्य जिलों में वर्ष 2012 से 2016 के बीच हुए खनन में धांधली की शिकायतों पर मार्च 2017 में सात प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थीं। आरोप था कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के प्रतिबंध के बावजूद हमीरपुर समेत कई स्थानों पर धड़ल्ले से खनन कराया गया। सीबीआइ दिल्ली ने प्रारंभिक जांच के बाद हमीरपुर में हुई धांधली के मामले में आरोपित तत्कालीन डीएम हमीरपुर बी.चंद्रकला अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिसके बाद सीबीआइ ने सहारनपुर, फतेहपुर व देवरिया समेत चार जिलों में अवैध खनन के मामलों में अलग-अलग केस दर्ज किये थे। 

नियम ताख पर रखकर दिये गए थे पट्टे

सीबीआइ दो साल से खनन घोटाले की जांच कर रही थी। सूत्रों का कहना है कि जांच में सामने आया कि हमीरपुर व अन्य जिलों में तत्कालीन जिलाधिकारियों  व अन्य अफसरों ने खनन के पट्टे नियमों की अनदेखी कर जारी किये। बिना ई-टेंडर के पट्टे दिये गए और पुराने पट्टों की मियाद भी बढ़ाई गई। सीबीआइ को इस मामले में सपा सरकार के तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति की संलिप्तता के साक्ष्य भी मिले हैं, जिनकी छानबीन चल रही है।

सपा शासनकाल में हुआ था घोटाला

खनन घोटाला समाजवादी पार्टी की सरकार में वर्ष 2012 से 2016 के बीच हुआ था। वर्ष 2012 से 2013 के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खनन विभाग अपने पास रखा था। बाद में उन्होंने गायत्री प्रसाद प्रजापति को खनन मंत्री बनाया था। 31 मई, 2012 को तत्कालीन यूपी सरकार ने एक आदेश जारी किया गया था, जिसमें जिसमें कहा गया था कि जो भी खनन होगा वह ई-टेंडर के ही माध्यम से किया जाएगा, लेकिन इस नियम का पालन नहीं किया गया। हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ इस घोटाले की जांच कर रही है। हाई कोर्ट ने दो अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर 28 जुलाई, 2016 को अवैध खनन की जांच के आदेश दिए थे। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.